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लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के समानान्तर ही नये कूड़े के उचित निपटान की चुनौती है : निगमायुक्त

  • – दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त ने स्वच्छ शहर संवाद में कचरा प्रबंधन, लीगेसी वेस्ट कम करने और इस दिशा में आ रही चुनौतियों के बारे में की चर्चा – निगम 3 लैंडफिल साइट से लगेसी वेस्ट कम करने के लिए विभिन्न सकारात्मक कार्य कर रहा है – – स्वच्छता की दिशा में निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सभी ने सराहना की

         

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2022: दिल्ली नगर निगम दिल्ली शहर में ठोस कूड़ा प्रबंधन तथा दिल्ली में स्थित 3 लैंडफिल साइट से लगेसी वेस्ट कम करने के लिए विभिन्न सकारात्मक कार्य कर रहा है और आने वाले लगभग दो सालों में यह कार्य पूरा करने की योजना है। यह बात दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने कही। ज्ञानेश भारती दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित स्वच्छ शहर संवाद में बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली में कचरा प्रबंधन, लीगेसी वेस्ट कम करने और इस दिशा में आ रही चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। बता दे की भारत सरकार के आवासन तथा शहरी कार्य मंत्रालय के द्वारा दो दिवसीय संवाद आयोजित किया गया था जहां पर देश भर से आये विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा कचरा मुक्त शहर के बारे में अपने-अपने विचार प्रकट किये।

निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने बताया कि दिल्ली नगर निगम के समक्ष लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के समानान्तर ही नये कूड़े के उचित निपटान की चुनौती है जिससे लैडफिल साइट्स से लीगेसी वेस्ट को निरंतर कम किया जा सके और इसमें बढ़ोतरी नहीं हो। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार दिल्ली नगर निगम लीगेसी वेस्ट कम करने के लिए बायोमाइनिंग की कार्य शुरू किया है इसके लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा अपनी तीनों लैंडफिल साइट्स पर ट्राॅमल मशीेन तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि लीगेसी वेस्ट की बायोमाइनिंग प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली इनर्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया जा रहा है जिसको उनके द्वारा सड़कों के निर्माण में प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा बायोमाइनिंग के पश्चात निकलने वाली इनर्ट मिट्टी को नागरिकों/ भूमि स्वामित्व एजेंसियों/ठेकेदारों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा आरडीएफ  रिफ्यूज ड्राइव्ड फयूल को सीमेंट कंपनी को आपूर्ति की जा रही है जिसे वो अपनी भट्टियों में जलाकर सीमेंट उत्पादन में प्रयोग कर रही है। इसके साथ ही सी एंड वेस्ट से दिल्ली नगर निगम द्वारा उपयोगी उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है।

भारती ने कहा कि 59 लाख मिट्रिक टन बायोमाइनिंग सामग्री का निस्तारण किया जा चुका है। आरडीएफ के निपटान में तेजी लाने के लिए दिल्ली नगर निगम और सीमेंट कंपनियों के बीच समझौता ज्ञापन किया गया है। इसके अलावा पूराने कचरें के निपटान के लिए तीन डंप साइटों के लिए एकीकृत निविदा आमंत्रित की गई है। निगमायुक्त ने बताया कि अगले महिने तहखंड डमें 25 मेगावाट की क्षमता के बिजली संयत्र का उद्घाटन किया जा रहा है। नए कचरे से ऊर्जा संयंत्र नरेला- बवाना निविदा के अधीन है और गाजीपुर में योजना चरण में है।

इस मौके पर दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने कहा कि दिल्ली में तीन एसएलएफ साइट्स ओखला, भलस्वा तथा गाजीपुर लैंडफिल साइट्स से कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि ओखला लैंडफिल साइट की क्षेत्रफल लगभग 62 एकड़ है और ग्राउंड लेवल से 45 मीटर ऊंचा लीगेसी वेस्ट है जोकि लगभग 60 लाख मिट्रिक टन है। इसी प्रकार 70 एकड़ में भलस्वा लैंडफिल साइट  पर कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई लगभग ग्राउंड लेवल से 62 मीटर है और 90 लाख मिट्रिक टन लीगेसी वेस्ट है। वहीं गाजीपुर लैंडफिल साइट कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई लगभग ग्राउंड लेवल से 65 मीटर है और यहां 140 लाख मिट्रिक टन लीगेसी वेस्ट है जिसका निस्तारण किया जाना है। दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त द्वारा साझा किए गए अनुभव की  उपस्थित अन्य हितधारकों द्वारा सराहना की गई। निगम द्वारा स्वच्छता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सभी ने सराहना की।

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