- मनरेगा, स्वास्थ्य, कोविड में बिजनेस, कंपनी ऐक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से किए गए बदलाव
- गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके, उन्हें आमदनी का साधन मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत 40 हजार करोड़ रुपए का अधिक आवंटन किया है
- सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोगों से लड़ने की व्यवस्था की जाएगी, लैब नेटवर्क मजबूत किए जाएंगे और सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे
- मल्टीमोड एक्सेस डिजिटलध्ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई के लिए पीएम ई-विद्या योजना की शुरुआत की जाएगी, स्कूली शिक्षा के लिए दीक्षा- स्कूल एजुकेशन के लिए ई-कॉन्टेंट और क्वी आर कोड से जुड़े किताब उपलब्ध कराए जाएंगे
- कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाओं के लिए हर क्लास के लिए एक चैनल लॉन्च होगा और हर क्लास के बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग टीवी चैनल होगा
- विषम परिस्थितियों में भी सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र को चरितार्थ करते हुए मोदी सरकार द्वारा देश के सभी वर्ग के लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए जो निर्णय लिए गए हैं उससे निश्चित हुई सभी के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आएगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा
नई दिल्ली : कोरोना संकट से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी जिसे विस्तार में कई चरणों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों के समक्ष रखा। इसी क्रम में रविवार को वित्त मंत्री जी ने कई बड़ी घोषणाएं की जिसके लिए हृदय से आभार प्रकट करते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इन घोषणाओं से देश को स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प पूरा होगा। देश की आर्थिक स्थिति में बड़ी मदद मिलेगी। इन योजनाओं से देश के सभी कार्य क्षेत्रों को आत्म बल मिलेगा और सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। मनरेगा, स्वास्थ्य, कोविड में बिजनेस, कंपनी ऐक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से किए गए बदलाव व आवंटन से रोजगार बढ़ेगा और देश विकास के नए आयाम पर पहुंचेगा।
तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम की कमी न आए और गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके, उन्हें आमदनी का साधन मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत 40 हजार करोड़ रुपए का अधिक आवंटन किया है। यह घोषणा मजदूरों की काम और आय को लेकर राहत पहुंचाएगी। देश का प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहें इसके लिए मोदी ने शुरू से ही सभी प्रबंध किए हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में वेलनेस सेंटरों को बढ़ावा दिया जाए। सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोगों से लड़ने की व्यवस्था की जाएगी, लैब नेटवर्क मजबूत किए जाएंगे और सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे। तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र को चरितार्थ करते हुए मोदी सरकार द्वारा देश के सभी वर्ग के लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए जो निर्णय लिए गए हैं उससे निश्चित हुई सभी के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आएगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
तिवारी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लगातार अविस्मरणीय कार्य किए जा रहे हैं और इसी का परिणाम है कि कोरोना संकट के समय में भी ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से बच्चों की शिक्षा पर कोई असर नहीं हुआ। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए मल्टीमोड एक्सेस डिजिटल, ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई के लिए पीएम ई विद्या योजना की शुरुआत की जाएगी। स्कूली शिक्षा के लिए दीक्षा- स्कूल एजुकेशन के लिए ई-कॉन्टेंट और क्वी आर कोड से जुड़े किताब उपलब्ध कराए जाएंगे। 100 विश्वविद्यालयों को भी ऑनलाइन क्लास की अनुमति दी गई है। इसका नाम होगा वन नेशन वन डिजिटल प्लैटफॉर्म होगा। कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाओं के लिए हर क्लास के लिए एक चैनल लॉन्च होगा। हर क्लास के बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग टीवी चैनल होगा, वन क्लास वन चैनल योजना के जरिए। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा और दिव्यांगों के लिए भी सामग्री तैयार की जाएगी ताकि वे भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें।
तिवारी ने कहा कि एमएसएमई पर दिवालियापन की कार्रवाई ना हो इसके लिए न्यूनतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है। इससे एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा। आईबीसी के सेक्शन 240 ए के तहत स्पेशल फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। एक साल तक दीवालियेपन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी। कोविड-19 से हुए कर्ज डिफॉल्ट कैटेगरी में नहीं डाले जाएंगे। तिवारी ने बताया कि कंपनीज एक्ट का गैर अपराधिकरण किया जाएगा जिसके अंतर्गत छोटे तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को आपराधिक सूची से हटा दिया जाएगा। पहले इसे आपराधिक रूप में देखा जाता था। जैसे सीएसआर रिपोर्टिंग में कोई कमी रह गई या बोर्ड रिपोर्ट में छोटी मोटी कमी रह गई, फाइलिंग के समय डिफॉल्ट हो गया, एजीएम में देरी हो गई आदि, इन सबको आपराधिकरण की सूची से हटा दिया गया है। इससे न्यायालयों पर भी दबाव कम होगा। इससे न्यायालयों पर भी दबाव कम होगा।
तिवारी ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में बड़े बदलाव किए जाएंगे जिसके तहत एक नई पॉलिसी बनाकर सारे सेक्टर्स प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाएंगे। जनहित, राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्ट्रैटिजिक सेक्टर की एक लिस्ट बनाई जाएगी और जिसमें पीएसई की 4 से ज्यादा कंपनियां नहीं होंगी। प्राइवेट सेक्टर में भी स्ट्रैटिजिक कंपनियों को काम करने का मौका मिलेगा। इससे बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी उनके निजीकरण का मौका दिया जाएगा, विलय किया जाएगा। पीएसई के निजीकरण का सही समय पर देखकर फैसला किया जाएगा। निजी कंपनियां अब विदेशों में शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करा सकती हैं। यह भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी घोषणा है।
तिवारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से राज्य और केंद्र की आय में भारी कमी आई है। केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए लगातार खुले दिल के साथ राज्यों की मदद की है। अप्रैल में 46,038 करोड़ रुपये राज्यों को दिया गया है। रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तहत 12,390 करोड़ रुपए, स्टेट डिजास्टर फंड से 11,092 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4,113 करोड़ रुपए कोरोना से लड़ने के लिए दिए हैं। राज्यों के लगातार हो रहे ओवरड्राफ्ट सीमा को 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया गया। तिमाही में ओवरड्राफ्ट रखने की सीमा को 32 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया गया है। राज्यों को उधार सीमा को जीएसडीपी के 3 पर्सेंट से बढ़ाकर 5 पर्सेंट कर दिया है इससे 4.28 हजार करोड़ के अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे।