Friday, March 29, 2024
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ऊबर ने प्लेटफॉर्म के अनुभव को और ज्यादा अच्छा बनाया

– अपनी ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल में नए अभियानों की घोषणा की

गुरुग्राम, 15 जुलाई, 2022: आज ऊबर ने गुरुग्राम में अपने नेशनल ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल (डीएसी) की दूसरी मीटिंग का आयोजन किया। विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में सीधे ड्राईवर्स से निष्पक्ष फीडबैक लेने के उद्देश्य से आयोजित डीएसी की इस दूसरी मीटिंग में दिल्ली एनसीआर, मुंबई और कोलकाता के ड्राईवर्स ने हिस्सा लिया और अपने फीडबैक साझा किए। ऊबर पर ड्राईविंग का अनुभव बेहतर बनाने के लिए की गई इस मुलाकात में पहले घोषित किए गए अभियानों का आकलन भी किया गया। ऊबर ने काउंसिल के फीडबैक के आधार पर परिवर्तनों की घोषणा की, जिनमें भारत में बिना शर्त के अपफ्रंट ड्रॉप-ऑफ स्थानों की शुरुआत, सुगमता से ऐप में लॉग-इन, और ऊबर प्लॅटफॉर्म पर ड्राईवर्स के लिए विस्तृत सपोर्ट शामिल हैं।

ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल का लॉन्च मार्च 2022 में किया गया था, ताकि 6 मेट्रो शहरों में ऊबर और ड्राईवर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद स्थापित कर मुख्य समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस वार्ता की निगरानी एक थर्ड-पार्टी समीक्षा बोर्ड द्वारा की जाती है, जिसका नेतृत्व बैंगलोर स्थित थिंकटैंक आप्ती इंस्टीट्यूट करता है, ताकि काउंसिल के कामों का स्वतंत्र अवलोकन प्राप्त हो सके। काउंसिल का हिस्सा बने ड्राईवर्स कुछ-कुछ महीनों के बाद ऊबर इंडिया के नेतृत्व से मिलते हैं और उनके साथ फीडबैक एवं अपने विचार साझा कर उन विषयों पर वार्ता करते हैं, जो उन्हें प्रभावित करते हैं। बैंगलोर की मीटिंग के साथ-साथ डीएसी की एक मीटिंग गुरुग्राम में आयोजित की गई, जिसमें मुंबई, कोलकाता, और दिल्ली एनसीआर के ड्राईवर्स ने हिस्सा लिया।

ड्राईवर्स के फीडबैक और एक स्वतंत्र बोर्ड के परामर्शों के आधार पर ऊबर ने अनेक परिवर्तनों की घोषणा की।

सभी के लिए बिना शर्त अपफ्रंट गंतव्यः पारदर्शिता बढ़ाने और राईडर्स एवं ड्राईवर्स की परेशानी को दूर करने के लिए भारत में ऊबर प्लेटफॉर्म  पर ड्राईवर अब राईड को स्वीकार करने से पहले अपनी ट्रिप का गंतव्य देख सकेंगे। मई 2022 में पायलट लॉन्च  के बाद ट्रिप्स के निरस्त होने की संख्या में आई कमी से प्रोत्साहित होकर, ऊबर ने ट्रिप को स्वीकार करने की शर्त की सीमा को समाप्त करने और सभी शहरों के लिए बिना शर्त का फीचर शुरू करने का निर्णय लिया। ऊबर ड्राईवर्स और राईडर्स का फीडबैक लेता रहेगा, तथा जरूरत पड़ने पर परिवर्तन करेगा।

आसान लॉग-इन  संभव बनायाः ऊबर ने एक ओटीपी आधारित लॉग-इन शुरू किया है, जिससे ड्राईवर्स को पासवर्ड एवं अन्य विवरण याद रखे बिना सुगम और सुविधाजनक तरीके से ऐप में लॉग-इन  करने में मदद मिलेगी। यह बड़ी संख्या में ड्राईवर्स का फीडबैक मिलने के बाद शुरू किया गया। इन ड्राईवर्स ने लॉग-इन में आने वाली मुश्किल का मुद्दा उठाया था और एक आसान विधि की मांग की थी, ताकि बहुमूल्य ऑन- प्लेटफॉर्म  टाईम का नुकसान न हो।

ज्यादा ड्राईवर सपोर्टः ऊबर ने ड्राईवर्स की कुछ आम समस्याओं का संज्ञान लिया और उनके समाधान प्रस्तुत किए। ऊबर ऑटो और मोटो ड्राईवर्स को अब अपने ऊबर ऐप में होम फोन बटन दिखाई देगा, जिसके द्वारा वो जरूरत पड़ने पर सहायता के लिए कॉल कर सकते हैं। मोटो ड्राईवर्स से वेटिंग शुल्क के बारे में जागरुकता की कमी का फीडबैक मिलने के बाद अब ऊबर राईडर्स को ट्रिप बुक करने पर वेटिंग शुल्क के बारे में पुश नोटिफिकेशन भेजेगा। एयरपोर्ट पर मौजूद ड्राईवर्स को संचालन की समस्या का सामना करना पड़ता है, उन्हें एयरपोर्ट शुल्क पहले जमा करना पड़ता है, जिसका वापस भुगतान उन्हें बाद में मिलता है। हालांकि अब ऊबर ने मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, और बैंगलोर में एयरपोर्ट्स पर कैशलेस सुविधा शुरू कर दी है।

ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल की पहली मीटिंग के बादऊबर ने अनेक परिवर्तनों की घोषणा की हैजिनकी सराहना ड्राईवर्स द्वारा की गई हैः

  • विभिन्न शहरों में किराए में वृद्धिः ईंधन के बढ़ते मूल्य के साथ संतुलन बिठाने के लिए किरायों में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि।
  • लाँग-डिस्टैंस पिक-अप शुल्कः जब ड्राईवर्स को राईडर्स को पिक करने के लिए लंबी दूरी तक जाना पड़े, तो ड्राईवर्स के लिए अतिरिक्त मुआवज़ा। दैनिक भुगतानः ड्राईवर्स को ऑनलाइन पैसे प्राप्त करने के लिए सप्ताह के सभी दिनों के लिए भुगतान की फ्रीक्वेंसी बदल दी गई है। भुगतान की विधि का प्रदर्शनः ड्राईवर्स के साथ कैश या ऑनलाइन भुगतान मोड के बारे में जानकारी पहले साझा की जाएगी, ताकि उन्हें राईड स्वीकार करने का निर्णय लेने में मदद मिले।

इस कार्यक्रम के बारे में शिवा शैलेंद्रन, डायरेक्टर, सप्लाई एवं सिटीज़ ऑपरेशन्स, भारत एवं दक्षिण एशिया ने कहा, ‘‘ऊबर का रूझान इस तरह रहता है कि हमारे ड्राईवर्स के लिए क्या अच्छा रहेगा। हम ड्राईवर्स के लिए सबसे फायदेमंद प्लेटफॉर्म  का निर्माण करना चाहते हैं, ताकि उन्हें सतत आय के साथ काम करने का लचीला अनुभव मिले। ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल के साथ ड्राईवर्स का भरोसेमंद फीडबैक पाने का प्रयास करते हैं, ताकि उनके साथ हमारी संलग्नता बढ़े। हमें पहली मीटिंग में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और हमें विश्वास है कि ये नए परिवर्तन सभी के अनुभवों में सुधार करेंगे।’’

डॉ. सरयू नटराजन, संस्थापक, आप्ती इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘‘ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल का गठन मौजूदा परंपरा से अलग ड्राईवर्स को मुख्य अंशधारक बनाकर एक सहयोगपूर्ण एवं मिलकर सृजन करने के परिवेश का निर्माण करने के लिए उनका फीडबैक लेने के लिए किया गया। यह फीडबैक लेने से लेकर सहयोगपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में एक बड़ा परिवर्तन था। हमें ड्राईवर्स की प्रारंभिक प्रतिक्रिया की बहुत खुशी है और हमें लगता है कि डीएसी प्लेटफॉर्म  ऊबर और इसके प्लेटफॉर्म  पर ड्राईवर्स के बीच के संबंध को मजबूत करेगा। हमें काउंसिल के सदस्यों से फीडबैक के आधार पर सकारात्मक परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। इसका हर सत्र पूरे किए जाने वाले एक सफर की याद दिलाता है।’’

ड्राईवर एडवाईज़री काउंसिल में एक स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड द्वारा चलाई गई तीन चरण की प्रक्रिया में 6 मेट्रो शहरों के 37 ड्राईवर चुने गए हैं। ये ड्राईव ऊबर पर उपलब्ध विभिन्न उत्पादों, जैसे कार, ऑटो-रिक्शा, और मोटरबाईक के साथ काम करते हैं और इस प्लेटफॉर्म पर मौजूदा हजारों ड्राईवर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं। चयनित ड्राईवर एक साल के लिए अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके बाद यह चयन प्रक्रिया दोबारा दोहराई जाती है।

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