Thursday, October 3, 2024
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सेवा भारती के स्वयं सेवक बिना किसी भेदभाव के कर रहे हैं मदद

  • पीड़ितों की मदद करते है और उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था करते हैं
  • लॉकडाउन में देवदूत की तरह सेवा कर रहे हैं स्वयंसेवक
  • हरीश साल्वे की पत्नी ने घर पर बनाकर दिए 1400 मास्क

 
नई दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुशांगिक संगठन सेवा भारती ने संकट के समय हमेशा देश में सेवा कार्यों को बढ़ावा दिया है। सेवा भारती का नाम किसी जाति और धर्म के भेदभाव के बिना सामाजिक स्तर पर लोगों की सेवा करने के लिए जाना जाता है। संकट के समय सेवा भारती से जुड़े लाखों स्वयंसेवक और दानदाता लोगों की सेवा के लिए उठ खड़े होते हैं। कोरोना संकट के बाद राजधानी में हुए लॉकडाउन के बाद सेवा भारती से जुड़े हजारों स्वयंसेवकों ने गरीब बस्तियों में पहुंच कर उन्हें सहायता पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली के कोने-कोने से लेकर दूर दराज के गांव और यमुना के खादर में बसे लोगों से लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर बसे गांवों में रहने वाले गरीब लोगों के बीच सेवा भारती ने सहायता पहुंचाई।
 

समाज के सक्षम वर्ग द्वारा संकट के वक्त सेवा भारती को विविध तरह की सामग्री प्रदान की जाती है जिसे समाज में जरूरतमंदों के बीच बांटा जाता है। इसी कड़ी में देश के जाने माने वकील और पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की तरफ से पैरवी करने वाले हरीश साल्वे की धर्मपत्नी ने भी सेवा भारती तक मदद पहुंचाई है।

कोरोना संकट के वक्त हरीश साल्वे की धर्मपत्नी मीनाक्षी साल्वे ने अपने घर पर ही 1400 मास्क बनाएं और उन्हें सेवा भारती को भेंट कर दिया ताकि जरूरत मंदों तक पहुंच सके।

 
दिल्ली के हर उस घर में जो लॉकडाउन की वजह से संकट में था सेवा भारती की मदद पहुंचाई गई। इस दौरान 24 मार्च से 15 अप्रैल तक 28 लाख लोगों को भोजन के पैकेट भेंट किए गए। 1 लाख 22 हजार परिवारों को राशन की किट प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 1 लाख 20 हजार साबुन, 96 हजार मॉस्क, 40 हजार ग्लब्स और 11 हजार 500 सैनेटाइजर की बोतलों का लोगों के बीच वितरण किया गया। देश में किसी भी संकट के समय सेवा भारती के कार्यकर्ता पहली पंक्ति में खड़े होकर मानवता की सेवा में जुट जाते हैं। 2019 में ओडिशा में आई सुनामी के वक्त सेवा भारती ने वहां 13 सेवा केंद्र स्थापित किए और आपदा से पीड़ित परिवारों को भोजन, कपड़ा, घरेलु सामान, बच्चों को स्कूली पुस्तकें वितरित करने का काम किया।

 
इसी तरह 2018 में केरल में आई प्रलयंकारी बाढ़ के बीच फंसे लोगों तक सेवा भारती के लोग मदद लेकर पहुंचे। केरल में 35 स्थानों पर सेवा भारती ने अपने राहत शिविर स्थापित कर लोगों तक एंबुलेंस, खाना, घर का सामान, कपड़े, और साड़ियों का वितरण किया। जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ हो या नेपाल में आया भूकंप, केदारनाथ में जलप्रलय का प्रकोप हो या तमिलनाडु में सुनामी सेवा भारती ने तत्परता के साथ लोगों को सहायता और सेवा पहुंचाने का काम किया है। विशेष बात यह हैं कि सेवा भारती के स्वयं सेवक बिना किसी भेदभाव के पीड़ितों की मदद करते है और उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था करते हैं।

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