- सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी इंटर्नशिप प्रोग्राम द्वारा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संलग्न किया जाता है
- जो स्कूल 85 प्रतिशत सर्टिफिकेशन पूरे करते हैं, उन्हें साईबरस्मार्ट स्कूल का सर्टिफिकेट दिया जाता है
नई दिल्ली: डब्लूएनएस ग्लोबल सर्विसेज़ के सीएसआर अंग, डब्लूएनएस केयर फाउंडेशन (डब्लूसीएस) ने हाल ही में घोषणा कर कहा कि इसके साईबरसेफ्टी एजुकेशन पोर्टल, साईबर स्मार्ट ने मई 2020 में अपने लॉन्च के बाद से एक मिलियन से ज्यादा लर्नर्स को सक्षम बनाया है। डब्लूसीएफ टीचर्स एवं प्रिंसिपल्स के लिए पोर्टल द्वारा साईबरसेफ्टी जागरुकता के लिए विस्तृत प्रशिक्षण का आयोजन करता है, जो इसके बाद बच्चों को साईबरस्पेस में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं। अभिभावकों के बीच भी जागरुकता बढ़ाई जाती है। जो स्कूल 85 प्रतिशत सर्टिफिकेशन पूरे करते हैं, उन्हें साईबरस्मार्ट स्कूल का सर्टिफिकेट दिया जाता है। विद्यार्थियों तक पहुंचकर उन्हें साईबरस्मार्ट का सर्टिफिकेट देने के लिए यूथ सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी इंटर्नशिप प्रोग्राम द्वारा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संलग्न किया जाता है।
डब्लूसीएफ के कार्यकर्ता स्कूलों में टीचर्स को प्रशिक्षित करते हैं और विद्यार्थियों के लिए साईबरस्मार्ट सत्र एवं पोर्टल वॉकथ्रू आयोजित करते हैं। हितग्राहियों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए डब्लूसीएफ ने एनजीओ और अन्य संगठनों के साथ सहयोग किया है। डब्लूएनएस के ग्रुप सीईओ, केशव आर. मुरुगेश ने कहा कि हमारा मिशन हर बच्चे को ऑनलाईन स्पेस में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक ज्ञान और आत्मविश्वास प्रदान करना है। हमें भारत में लाखों लर्नर्स को सर्टिफिकेट प्रदान करने की उपलब्धि हासिल करने के लिए साईबरस्मार्ट को मिले अपार सहयोग की खुशी है। हम बच्चों को साईबरसुरक्षा की मूलभूत बातें सिखाने के अपने मिशन के लिए उत्साहित हैं।
डब्लूसीएफ की ऑनरेरी चीफ मेंटर और साईबरस्मार्ट में क्रिएटर, शामिनी मुरुगेश ने कहा कि मैं अपने सभी अंशधारकों और साझेदार संगठनों को धन्यवाद देती हूँ। हम पिछले दो सालों से ज्यादा समय से साईबरस्मार्ट की पहुंच का विस्तार करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। हम भविष्य में इसी तरह की सामरिक साझेदारियों द्वारा साईबरसेफ्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाते रहेंगे। भारत का पहला समग्र साइबर सुरक्षा शिक्षा पोर्टल, साइबरस्मार्ट (बलइमतेउंतज.ूदेबंतमेविनदकंजपवद.वतह) पाठ्यक्रम परामर्श और साइबरस्पेस में बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों के आधार पर विषयबद्ध प्रश्नोत्तरी-आधारित मॉड्यूल द्वारा गेमिफाइड लर्निंग संभव बनाता है। इसे मई 2020 में अजय प्रकाश साहनी, सेक्रेटरी, माईटी द्वारा नैसकॉम के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया था, और यह दस भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।