- कोयला, मिनरल्स, डिफेंस प्रोडक्शन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट, केंद्र शासित प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियां, स्पेस, एटोमिक एनर्जी के क्षेत्र में ऐतिहासिक नीतिगत घोषणाओं से देश में रोजगार सृजन होने के साथ ही विदेशी निवेश भी बढ़ेगा
- रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए मेक इन इंडिया जरूरी है और इससे उन कंपनियों को लाभ होगा जो भारत में सेना के लिए हथियार बनाएंगी
- ईंधन के खर्च और समय की बचत के लिए एयरस्पेस की उपलब्धता बढ़ाए जाएंगे जिससे एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे और पर्यावरण को भी लाभ होगा
- सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजीकरण को बल देने के लिए बदलाव किया जाएगा, जिसके लिए 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा उठाये गये ठोस कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन इकॉनमी के संकल्प को पूरा करेंगे
नई दिल्ली : देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत ही महत्वपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं, इसे लगता है कि मोदी सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उक्त बाते शनिवार कोे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चौथे चरण में बड़ी घोषणाओं के बाद कही। तिवारी ने कहा कि कोयला, मिनरल्स, डिफेंस प्रोडक्शन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट, केंद्रशासित प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियां, स्पेस, एटोमिक एनर्जी के क्षेत्र में ऐतिहासिक नीतिगत घोषणाओं से देश में रोजगार सृजन होने के साथ ही विदेशी निवेश भी बढ़ेगा।
तिवारी ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा उठाये गये ठोस कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन इकॉनमी के संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए मेक इन इंडिया जरूरी है और इससे उन कंपनियों को लाभ होगा जो भारत में सेना के लिए हथियार बनाएंगी। ईंधन के खर्च और समय की बचत के लिए एयरस्पेस की उपलब्धता बढ़ाए जाएंगे जिससे एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे और पर्यावरण को भी लाभ होगा। सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजीकरण को बल देने के लिए बदलाव किया जाएगा जिसके लिए 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
तिवारी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा और कोयला क्षेत्र में कॉमर्शियल माइनिंग दी जाएगी जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये का फंड का प्रावधान किया गया है। खनिज खनन सेक्टर में भी निजी निवेश को बढ़ाया जाएगा और एक पारदर्शी नीलामी तरीके से 500 खनिज ब्लॉक उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे बिजली खर्च में कमी आएगी और इससे खनन बढ़ेगा जिससे नए रोजगार की उत्पत्ति भी होगी।
तिवारी ने बताया कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए मेक इन इंडिया जरूरी है और इससे उन कंपनियों को लाभ होगा जो भारत में सेना के लिए हथियार बनाएंगी। आयात न किए जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी। ऑटमैटिक रूट के जरिए होने वाले रक्षा उत्पादन में एफडीआई को 49 से 74 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ऑर्गनाइजेशन को निगमीकृत किया जाएगा और इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा, आम लोग इसके शेयर खरीद सकेंगे। ईंधन के खर्च और समय की बचत के लिए एयरस्पेस की उपलब्धता बढ़ाए जाएंगे जिससे एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे और पर्यावरण को भी लाभ होगा। पीपीपी मॉडल से 6 हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा और 12 हवाई अड्डों के पर 13 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा।
तिवारी ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए एक टैरिफ पॉलिसी लाई जा रही है जिसके तहत सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जाएगी। इससे पावर सप्लाई में सुधार होगा, बेहतर सर्विसेस को बल मिलेगा और इसे देशभर के लिए एक मॉडल के तौर पर तैयार किया जाएगा। बुनियादी सुविधा पर ध्यान देना केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है इसीलिए सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजीकरण को बल देने के लिए बदलाव किया जाएगा जिसके लिए 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
तिवारी ने कहा कि भारतीय स्पेस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोला जा रहा है और उन्हें भी इस क्षेत्र में भागीदार बनाया जाएगा। प्राइवेट कंपनियों को भी बराबरी का अधिकार होगा। वे भी सैटेलाइट लॉन्च कर पाएंगी। निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका दिया जाएगा। इसरो की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी। रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल में स्थापित किया जाएगा। जिनसे कैंसर जैसे रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।
तिवारी ने कहा कि आज की घोषणाएं मोदी सरकार की संवेदनशीलता और देशवासियों के हितों में उनकी कटिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री जी के निर्णय से इस निर्णय से इन क्षेत्रों का अभूतपूर्व विकास होगा व इससे इन क्षेत्रों में आय और रोजगार भी बढ़ेंगे। मेक इन इंडिया ने लोगों की सोच को बदला है। यह आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा उठाये गये ठोस कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 5 ट्रिलियन इकॉनमी के संकल्प को पूरा करेंगे।