Saturday, July 27, 2024
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दिल्ली भारत का पहला राज्य बनने के साथ ही विश्व के चुनिंदा शहरों में हो गया है शामिल : CM केजरीवाल

– केजरीवाल सरकार का ऐतिहासिक कदम, सीएम ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को दी मंजूरी
– ये स्कीम वाणिज्यिक वाहनों को ईवी में बदलने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ सेवा की गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के उच्च मानकों पर केंद्रित है
– स्कीम का लक्ष्य 2030 तक दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलना है
– मौजूदा और नए सभी ऑपरेटरों को इस स्कीम की अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस लेना अनिवार्य है
– स्कीम का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा
– एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से ईवी में बदलना अनिवार्य करने वाला दिल्ली भारत का पहला राज्य बनने के साथ ही विश्व के चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है : केजरीवाल
– यह भारत में पहली बार है कि किसी एग्रीगेटर स्कीम में ग्रीन और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए पूरे बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का लक्ष्य तय किया गया है
-योजना के अंतर्गत पर्यावरण का ध्यान रखने के साथ-साथ दिल्ली के लोगों को बेहतरीन परिवहन सुविधाएं देने का विशेष ख्याल रखा गया है- कैलाश गहलोत

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर, 2023

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अंदर ग्रीन और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने और क्रांतिकारी रूप से परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के इरादे से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंगलवार को यह ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 को अपनी मंजूरी दे दी। यह स्कीम दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी। अब ये फाइल एलजी ऑफिस को भेज दी गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैंने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है। ये स्कीम वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की जंग में मील का पत्थर साबित होगी। एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से शून्य उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना अनिवार्य करने वाला दिल्ली अब भारत का पहला राज्य बन गया है। साथ ही, विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां इस तरह की स्कीम प्रभावी है। सीएम ने आगे कहा कि यह स्कीम दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का रास्ता भी साफ करती है। दिल्ली सरकार ग्रीन, सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी को बढ़ावा देते हुए दिल्ली के लोगों के लिए परिवहन सेवाओं में सुधार करने का हर संभव उपाय करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को अपनी मंजूरी दे दी है। यह भारत में पहली बार है कि किसी एग्रीगेटर स्कीम में हरित और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। यह योजना दिल्ली में स्वच्छ और सुगम परिवहन वयवस्था स्थापित करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। इस योजना में न केवल पर्यावरण का ख्याल रखा गया है, बल्कि दिल्लीवासियों को बेहतर सुविधा मिले इसका विशेष ध्यान रखा गया है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

सस्टेनेबल मोबिलिटी- योजना अंतर्गत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक में चरणबद्ध तरीके से रूपांतरित करना होगा। दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स का पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएगा। इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी- योजना अंतर्गत सभी एग्रीगेटर्स को केवल इलेक्ट्रिक वाहन बाइक टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उन्हें योजना में निर्दिष्ट सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। सेवा गुणवत्ता मानक- योजना में सेवा गुणवत्ता के लिए सख्त मानक स्थापित किए गए हैं। इसमें वाहन की साफ-सफाई, ड्राइवर का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान शामिल है। सार्वजनिक सुरक्षा- इस योजना में यात्रियों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है।

इन पर लागू होगी ये स्कीम

यह स्कीम दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है। इसमें वैसी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (2 पहिया, 3 पहिया और 4 पहिया, बसों को छोड़कर) हैं। इसके अलावा, एप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं।

लाइसेंस
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 फीसद की छूट का प्रावधान है।

पेनाल्टी
इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रावधान है। नियम उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपए दंड का प्रावधान है। दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 शहर के सस्टेनेबल मोबिलीटी के साथ ही कुशल परिवहन में परिवर्तन के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सर्विस की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लागू होने से पर्यावरण और दिल्ली के लोगों को काफी लाभ होगा। यह स्कीम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में परिवहन सेवाओं के लिए नए मानक स्थापित करेगा।

एग्रीगेटर्स को चरणबद्ध तरीके से अपने वाहन बेडे को ईवी में तब्दील करने होंगे
स्कीम के अनुसार, एग्रीगेटर्स के लिए नए बेड़े में दोपहिया वाहनों के लिए ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 फीसद तय किया गया है। जबकि 3 पहिया वाहनों के नए बेड़े में 6 महीने में 10 फीसद ईवी, 2 साल में 50 फीसद और 4 साल में 100 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा। इसी तरह 4 पहिया वाहनों के बेड़े में 6 महीने के अंदर 5 फीसद, 3 साल में 50 फीसद और 5 साल में 100 फीसद ईवी को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, पुराने और नए सभी एग्रीगेटर्स को अपने पूरे बेड़े को 1 अप्रैल, 2030 तक 100 फीसद ईवी में बदलना होगा।

वहीं, स्कीम के तहत डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को 2 पहिया और 3 पहिया वाहनों के नए बेड़े में अगले 6 महीने में 10 फीसद, 2 साल में 50 फीसद और 4 साल में 100 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा। जबकि 4 पहिया वाहनों के बेड़े में 6 महीने में 5 फीसद, 3 साल में 50 फीसद और 5 साल में 100 फीसद ईवी शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह, पुराने और नए सभी डिलीवरी सेवा प्रदाताओं के पूरे बेड़े को 1 अप्रैल, 2030 तक 100 फीसद ईवी में बदलना होगा।

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