- दिल्ली में जलापूर्ति की क्षमता में वृद्धि करने को लेकर केजरीवाल सरकार कर रही कई योजनाओं पर काम
नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने, सभी अनाधिकृत कालोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने और यमुना की सफाई करने को लेकर बेहद गंभीरता से काम कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर इन परियोजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट का जायजा लिया और अधिकारियों को सभी योजनाओं में तेजी लाने और समय सीमा के अंदर काम पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबंधित मंत्री और अधिकारियों के साथ दिल्ली जल बोर्ड की विभिन्न योजनाओं और दिल्ली ड्रेनेज सिस्टम की समीक्षा बैठक की। हर घर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति, सीवर लाइन कनेक्शन और यमुना की सफाई मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है।
- सीएम अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल हैं कई परियोजनाएं
सरकार का कहना है कि हर घर को नल से 24 घंटे साफ पानी देना, यमुना की सफाई, अनाधिकृत कालोनियों को सीवर लाइन से कनेक्ट करना सीएम अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आज समीक्षा बैठक में हर घर में 24 घंटे साफ पानी की आपूर्ति, सीवर लाइन, विश्व स्तरीय ड्रेनेज सिस्टम, यमुना की सफाई, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हर घर को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीवर लाइन का कनेक्शन देने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए, ताकि सबको कनेक्शन दिया जा सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने के लिए चल रहे प्लान पर विस्तार से चर्चा की। दिल्ली में मुख्य रूप से तीनड्रेनेज हैं। दिल्ली सरकार ने प्लान बनाया है कि ड्रेनेज में जितना भी पानी आएगा, उस पानी को ट्रीट किया जाएगा और उसके बाद यमुना में डाला जाएगा। साथ ही, यह योजना बनी है कि जो गंदा पानी होगा, उसका उपयोग सिंचाई और ग्राउंड वाटर रिचार्ज में किया जाएगा। जिससे दिल्ली का ग्राउंड वाटर लेवल बेहतर हो सके।
- केजरीवाल सरकार जलापूर्ति बढ़ाने के लिए कर रही गंभीरता से काम
दिल्ली सरकार ने जलापूर्ति बढ़ाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है। दिल्ली में मौजूदा समय में करीब 986 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसे और बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है। दिल्ली में मार्च 2021 तक करीब 920 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जा रही थी। पिछले एक वर्ष में दिल्ली सरकार ने इसे बढ़ाकर 986 एमजीडी कर दिया है। दिल्ली सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस अथक प्रयासों से अप्रैल 2022 तक दिल्ली में पानी की आपूर्ति बढ़कर करीब 1020 एमजीडी तक हो जाएगी। इसी तरह, कार्य योजना पर काम करके मार्च 2023 तक दिल्ली में पानी की आपूर्ति का स्तर करीब 1110 एमजीडी तक पहुंचा दिया जाएगा और जून 2023 तक दिल्ली में जलापूर्ति बढ़कर करीब 1180 एमजीडी तक हो जाएगी। - जलापूर्ति को बढ़ाने के लिए दूसरे स्रोतों पर भी काम कर रही है
दिल्ली सरकार दिल्ली में जलापूर्ति को बढ़ाने के लिए दूसरे स्रोतों पर भी काम कर रही है। जिससे कि जलापूर्ति बढ़ सके। दिल्ली सरकार जलापूर्ति बढ़ाने के लिए सोनिया विहार, भागीरथी, नोएडा मोड़, अक्षरधाम, बुराड़ी पल्ला समेत विभिन्न जगहों पर करीब 200 ट्यूबवेल्स लगा रही है। अभी तक 111 का काम पूरा हो गया है और बाकी पर काम चल रहा है। स्थानीय यूजीआर में 87 ट्यूबवेल पर काम चल रहा है। - उपचारित जल के दोबारा उपयोग पर तेजी से चल रहा काम दिल्ली में वर्तमान में 67.9 एमजीडी पानी को ट्रीट कर के दोबारा उपयोग में लिया जा रहा है। दिल्ली सरकार की योजना है कि मार्च 22 तक 107.9 एमजीडी तक इसे पहुंचा दिया जाए। साथ ही, जून 2022 तक इसे 155.9, जुलाई 2022 तक 188.9, अक्टूबर 2022 तक 222.9, दिसंबर 2022 तक 241.4, जनवरी 2023 तक 480.4 और जून 2023 तक इसे 528.4 एमजीडी तक बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है।
अनाधिकृत कालोनियों को सीवर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा
केजरीवाल सरकार जल्द से जल्द दिल्ली की सभी अनाधिकृत कालोनियों को 100 फीसद सीवर लाइन नेटवर्क से जोड़ने पर काम कर रही है। इसके लिए सभी अनाधिकृत कालोनियों के आउटफॉल प्वाइं्ट्स पर स्टॉर्म वाटर ड्रेन को करीब के दिल्ली जल बोर्ड के सीवरेज सिस्टम से जोड़ा जाना है। सभी अनाधिकृत कालोनियों को बहुत जल्द सीवर लाइन से जोड़ दिया जाएगा। अभी तक 630 अनाधिकृत कालोनियों में से 484 को सीवर लाइन से कनेक्ट कर दिया गया है।
- यमुना में औद्योगिक कचरा गिराने वाली 86 इंडस्ट्री सील
दिल्ली में स्थित उद्योगों से निकलने वाले कचरे को यमुना में गिरने से रोकने और ग्राउंड में जाने से रोकने को लेकर दिल्ली सरकार गंभीर है। दरअसल, फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त कचरे को जमीन के अंदर डाल देती हैं या फिर नाले के जरिए यमुना में बहा देती हैं। यमुना के पानी में झाग बनने और पानी को दूषित करने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। सीएम केजरीवाल ने पिछली बैठक में साफ कहा था कि औद्योगिक कचरे को यमुना में गिरने से तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड ने सभी इंडस्ट्री का मौका मुआयना किया था। अधिकारियों ने हर सप्ताह करीब 600 इंडस्ट्री का सर्वे किया और अभी तक 4375 इंडस्ट्री का सर्वे कर लिया गया है। दिल्ली सरकार से मिले निर्देश के बाद अधिकतर इंडस्ट्री में मानकों का पालन किया जा रहा है। लेकिन जिन इंडस्ट्री ने मानकों का पालन नहीं किया, उनको सील किया जा रहा है। अभी तक 86 इंडस्ट्री को मानकों का उल्लंघन करने पर सील कर दिया गया है। - केजरीवाल सरकार विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है
यमुना सफाई मिशन के तहत केजरीवाल सरकार विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है। सभी अनधिकृत कॉलोनियों को सीवर लाइन से जोड़ा जा रहा है, ताकि नालियों के जरिए आने वाला गंदा पानी यमुना में न गिरे। जेजे कॉलोनियों से निकलने वाली नालियों की टैपिंग की जा रही है। मौजूदा एसटीपी को उन्नत किया जा रहा है और नए एसटीपी भी बनाए जा रहे हैं। सभी प्रमुख नालों और उप-नालों की टैपिंग की जा रही है, जिसे नजफगढ़ और सप्लीमेंट्री ड्रेन में लाया जाएगा। सीईटीपी का उन्नयन किया जा रहा है और सभी औद्योगिक नालों की टैपिंग की जा रही है। एसडब्ल्यू नालों में जाने वाले सभी सीवरों को प्लग किया जाएगा।