- दिल्ली हाट सहित पर्यटन विभाग के स्टॉल बेहद रियायती दर पर कलाकारों और शिल्पकारों को दिए जाएंगे
- दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम की बोर्ड मिटिंग में महत्वपूर्ण फैसले
- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कलाकारों, शिल्पकारों को बड़ी राहत दी
- कई मामलों में 31 अक्टूबर तक सामान्य किराए में काफी रियायत देने का भी निर्णय हुआ है
नई दिल्ली : दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पर्यटन उद्योग से जुड़े कलाकारों, शिल्पकारों के लिए आज बड़ी राहत की घोषणा की है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाट सहित पर्यटन विभाग के सभी परिसरों में कलाकारों और शिल्पकारों को बेहद रियायती दर पर स्टाल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। दिल्ली सचिवालय में आज सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम की बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी तथा लॉकडाउन के कारण जो कलाकार और शिल्पकार दिल्ली हाट तथा अन्य स्थानों पर महंगे स्टॉल लेने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें बेहद किफायती दर पर स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे।
सिसोदिया के अनुसार सामान्य दिनों में जो स्टॉल लेने के लिए कई हजार रुपये और कुछ मामलों में तो लाखों रुपये देने पड़ते थे, वैसे स्टॉल कलाकारों और शिल्पकारों को मात्र 500 से 600 रुपयों में मिल जाएंगे। दिल्ली हाट तथा अन्य स्थानों पर फूड स्टॉल लगाने वाले वेंडर्स को भी बड़ी छूट देने का निर्णय लिया गया है। विभिन्न स्थानों पर इन वेंडर्स से लॉकडाउन के दौरान का किराया माफ करने का निर्णय हुआ है। कई मामलों में 31 अक्टूबर तक सामान्य किराए में काफी रियायत देने का भी निर्णय हुआ है। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी का असर पूरी दुनिया में है। दिल्ली का पर्यटन उद्योग भी काफी प्रभावित हुआ है। ऐसे में निगम से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों, वेंडर्स, कलाकारों, शिल्पकारों इत्यादि की मदद करना जरूरी है। जो लोग कई तरह के कार्यों से निगम के साथ लंबे समय से जुड़े हैं, उन्हें मदद करके भविष्य के लिए टिकाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। इससे उन लोगों को अपने कारोबार को फिर से व्यवस्थित करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, निगम को भी इसी माध्यम से भविष्य में राजस्व की प्राप्ति होगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के आलोक में लाॅकडाउन के कारण दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम द्वारा लीज पर दी गई समस्त प्रापर्टीज को 20 मार्च 2020 से बंद करना पड़ा था। बाद में अनलाॅक की अलग-अलग स्थितियों में प्रत्येक संस्थान को विभिन्न चरणों में पुनः खोलने की अनुमति मिली थी। इनमें सभी दिल्ली हाट, आइएनए, पीतमपुरा, जनकपुरी, गार्डन आॅफ फाइव सेंसेस, नेचर बाजार शामिल हैं। इनमें कई प्रोजेक्ट्स से जुड़े उद्यमियों ने महामारी के आलोक में फोर्स मेजर के तहत रियायत का अनुरोध किया था। इस आधार पर आज रियायत देने का निर्णय लिया गया।
दिल्ली हाट आईएनए के तहत 166 क्राफ्ट स्टॉल का आबंटन देश भर के शिल्पकारों के बीच किया गया था। इनमें बचे हुए स्टॉल का स्थानीय शिल्पकारों के बीच प्रथम आओ, प्रथम पाओ के आधार पर वितरण का भी निर्णय लिया गया। दिल्ली हाट आईएनए के फूड स्टाल वेंडर्स को किराए में भी काफी राहत दी गई है। दिल्ली हाट आईएनए के पिछले हिस्से की पार्किंग का उपयोग न होने के कारण इसमें भी राहत का निर्णय हुआ।
अंधेरिया मोड़ स्थित नेचर बाजार की लीज मेसर्स दस्तकार को 15 साल के लिए दी गई थी। लॉकडाउन के दौरान बंद होने के कारण 20 मार्च से तीन जुलाई तक के शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है। निगम की बोर्ड मिटिंग में विभिन्न प्रकार की सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों द्वारा महामारी के दौर की फीस व अन्य शुल्क माफ करने संबंधी मुद्दों पर विचार किया गया। लाॅकडाउन की अवधि को अलग अलग हिस्सों में बांटकर उस अनुरूप रियायत देने का निर्णय हुआ। सिसोदिया ने उम्मीद जताई है कि इन रियायतों से दिल्ली के पर्यटन विकास से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी तथा उनकी मदद से एक बार फिर दिल्ली में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को पटरी पर लाना संभव होगा।