- लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली के लोग आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रहे थे तब दिल्ली सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर वैट बढ़ाना सरासर अनुचित था
- डीजल के वैट को कम करने का फैसला देर से लिया गया फैसला है
- लॉकडाउन के दौरान डीजल और पेट्रोल पर वैट में बढ़ोतरी कर दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों का जो पैसा लूटा है उसे वापस कर देना चाहिए
- दिल्ली के लोगों के हितों में दिल्ली सरकार को सिर्फ डीजल ही नहीं बल्कि पेट्रोल पर भी वैट को कम करना चाहिए
नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने डीजल पर वैट 16.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया था और अब उस वैट को वापस ले लिया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने गुरूवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली के लोग आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रहे थे तब दिल्ली सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर वैट बढ़ाना सरासर अनुचित था।
अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा की ओर से बार-बार दवाब बनाने के बाद अब जाकर केजरीवाल सरकार ने डीजल के वैट को वापस लेने का फैसला लिया है जो कि देर से लिया हुआ फैसला है। दिल्ली के लोगों के हितों में यह फैसला बहुत पहले ही लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान में डीजल और पेट्रोल पर वैट में बढ़ोतरी कर दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों का जो पैसा लूटा है उसे वापस कर देना चाहिए।
अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को डीजल पर वैट 16.75 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत और पेट्रोल पर वैट 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर देना चाहिए। आशा है कि दिल्ली के लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए इस बार दिल्ली सरकार इन फैसलों को लेने में देरी नहीं करेगी।