- अब स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया के तहत होगा राशन का वितरण
- पोषण को ठेकेदार और अधिकारी ही खा जाएगा, तो कुपोषण खत्म कैसे होगा?
- किसी भी प्रकार की चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
- अब हर वार्ड स्तर पर दस-दस लोगों की कमिटियों का गठन किया जा रहा है
- जो राशन की मात्रा, गुणवत्ता, बांटे जाने वाली समय अवधि पर नजर रखेगी
- मटियाला विधानसभा में दो आंगनवाड़ी सेंटर किए सील, आंगनवाड़ी का रजिस्टर विभाग के सचिव ने कब्जे में लिया
- खामियों में संलिप्त पाए गए कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
नई दिल्ली : महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने लगातार कई दिनों तक विभिन्न विधानसभाओं में आईसीडीएस के तहत बांटे जाने वाले राशन का औचक निरीक्षण और जांच किया था। इस दौरान लगभग सभी जगह राशन की चोरी और अनिमियतता पाई गई। आज उसी के मद्देनजर कार्रवाई के सम्बंध में फैसला लेने के लिए उन्होंने अपने निवास पर विभाग के सचिव, निदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।
बैठक में इन सभी गड़बड़ियों को रोकने और उन पर नजर रखने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया अपनाने पर सहमति बनी। एसओपी में यह निर्णय लिया गया है कि एसएनएफ योजना के तहत 13 दिनों की अवधि के लिए संबंधित आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा 19, 20 और 22 जून 2020 को लाभार्थियों को उनके घरों तक राशन पहुंचाया जाएगा। यह राशन 16 जून 2020 से 30 जून 2020 तक वितरित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इस महामारी में लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करने को प्रतिबद्ध है और ऐसे में तय मात्रा से कम राशन का पहुंचना, काफी गंभीर मामला और निराशाजनक है।
कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है। यदि पोषण को ठेकेदार और अधिकारी ही खा जाएगा, तो कुपोषण खत्म कैसे होगा? कई क्षेत्रों में राशन निर्धारित मात्रा में नहीं दिया जा रहा है। मैंने खुद अपनी टीम के साथ लगातार चार दिनों से घर-घर जाकर आंगनवाड़ी द्वारा दिए गए राशन का निरीक्षण किया। लगभग सभी जगह गड़बड़ियां मिली। विभाग में काम करने वाले लोगों को तो खास तौर पर संवेदशील होना चाहिए, क्योंकि जिन्हें जीवन में कम मिला है, सरकार उन्हें थोड़ी राहत और सहारा देने का काम कर रही है।
कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि इन सब गड़बड़ियों पर पर रोक लगाने और चोरी को पकड़ने के लिए अब वार्ड स्तर पर दस-दस लोगों की कमिटियों का गठन किया जा रहा है। जो राशन की मात्रा, गुणवत्ता, बांटे जाने वाली समय अवधि पर नजर रखेगी। साथ ही साथ आईसीडीएस योजना के बेहतर कार्यान्वयन की मॉनिटरिंग करेंगे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, विभाग के मंत्री, सचिव और निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इस दौरान गड़बड़ियों में संलिप्त पाए गए तीन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को टर्मिनेट किया गया। दो सुपरवाइजर सस्पेंड किए गए और कुछ सीडीपीओ को नोटिस दिया गया है। मटियाला विधानसभा में दो आंगनवाड़ी सेंटर सील किए गए और आंगनवाड़ी रजिस्टर विभाग के सचिव ने कब्जे में लिया। गौरतलब है कि दिल्ली में लाखों गर्भवती महिलाएं और बच्चों को आईसीडीएस के तहत राशन मिलता हैं।
- इस मात्रा में मिलना चाहिए लाभार्थियों को राशन
– योजना के अनुसार, 1300 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने की मात्रा बच्चों को 13 दिनों के लिए वितरित किया जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए, 1690 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने का वितरण किया जाना चाहिए।