आखिर क्या कारण रहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 3 वर्षों बाद भी सरकार ने गुरु रविदास मंदिर का पुनर्निर्माण नही किया।- चौ0 अनिल कुमार
नई दिल्ली, 7 नवम्बर, 2022 : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि तुगलकाबाद में 1509 में बने संत शिरामणी गुरु रविदास मंदिर को भाजपा और आम आदमी पार्टी ने मिलकर डीडीए द्वारा तुड़वाया। कांग्रेस द्वारा प्रयासों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा मंदिर के पुर्ननिर्माण के लिए 3 वर्ष पहले आदेश दिया था। प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने आज वहां का दौरा करके भाजपा और आम आदमी पार्टी का दलित चेहरा उजागर करते बताया कि वहां मंदिर के नाम पर एक ईंट तक नही लगाई गई है। उन्होंने कहा कि मंदिर स्थान पर सिर्फ पत्थरों के अवशेष है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा दलित समुदाय की धार्मिक आस्था का प्रतीक यह प्रचीन रविदास मंदिर के पुख्ता सबूतों सरकार यदि कोर्ट में पेश करती तो यह मंदिर तोड़ने से बचाया जा सकता था, परंतु धर्म की ठेकेदार पार्टियों ने अपनी संर्कीण दलित विरोधी नीतियों और विचारधारा को उजागर करते हुए मंदिर को बचाने के लिए कुछ नही किया। उन्होंने कहा कि तुगलकाबाद में गुरु रविदास मंदिर बनाने के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसमें भाजपा के दो सांसद शामिल थे। उन्होंने पूछा कि क्या कारण रहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने प्राचीन संत रविदास मंदिर बनाने के लिए कोई प्रयास नही किए। उन्होंने कहा कि मौके और धर्म की राजनीति करने वाली पार्टियां सत्ता में रहते हुए भी दलितों के शिरोमणि संत रविदास का मंदिर बनाने का कोई प्रयास ही नही किया गया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने चॉदनी चौक में हनुमान मंदिर और महरौली मे चर्च तुड़वाकर दिल्लीवालों की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुॅचाई। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा और आम आदमी पार्टी की नियत सही होती तो कोर्ट के आदेश के बाद 3 वर्षों में संत रविदास का मंदिर तुगलकाबाद में बन जाता परंतु भाजपा और आम आदमी पार्टी दलित विरोधी गरीब विरोधी है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा दलितों के हितों की रक्षा करती आई है और तुगलकाबाद में गुरु रविदास बनवाने के लिए दलित समुदाय की लड़ाई लड़ेगी। यह ऐतिहासिक गुरु रविदास मंदिर सदियों से दलित समुदाय की आस्था को केन्द्र था जिसे 600 वर्ष पूर्व सिकंदर लोधी ने 1509 में दलित समुदाय को तुगलकाबाद में रविदास मंदिर और जोहड बनाकर धार्मिक गतिविधियां चलाने के लिए 12 बीघा जमीन दान की थी।