Friday, March 29, 2024
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भाजपा ने एमसीडी चुनाव से भागने का एक और नया तरीका अपनाया, परिसीमन समिति को नहीं बताया कि दिल्ली में कितने वार्ड बनाने हैं : आतिशी

  • हमें ख़ुशी है कि केंद्र सरकार ने एमसीडी के वार्ड परिसीमन के लिए कमिटी का गठन कर दिया, लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इसका कोई आदेश नहीं किया तो फिर ये कमिटी काम कैसे करेगी?- अरविंद केजरीवाल
  • भाजपा की केंद्र सरकार ने 3 सदस्यीय परिसीमन कमेटी बनाई है लेकिन पूरे आदेश में कहीं नहीं कहा कि पूरी दिल्ली का परिसीमन कितने वार्ड में करना है- परसीमन का आदेश 100 फीसदी खोखला है क्योंकि परिसीमन समिति इस निर्णय के बिना कि कितने वार्ड बनाने हैं अपना काम खत्म करना तो बहुत दूर की बात है, अपना काम शुरू भी नहीं कर सकती है- भाजपा को पता है कि दिल्लीवालों ने भाजपा को एमसीडी से बाहर फेंकने का मन बना लिया है, इसी वजह से लगातार एमसीडी के चुनाव टाला जा रहा है-जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा सिंगल डिजिट पर आ गई है, उसी तरह से एमसीडी के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी सिंगल डिजिट पर आएगी- आतिशी

नई दिल्ली, 09 जुलाई, 2022 : भाजपा ने एमसीडी चुनाव से भागने का एक और नया तरीका अपनाया है। परिसीमन समिति को नहीं बताया कि दिल्ली में कितने वार्ड बनाने हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि केंद्र सरकार ने एमसीडी के वार्ड परिसीमन के लिए कमिटी का गठन कर दिया, लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इसका कोई आदेश नहीं किया तो फिर ये कमिटी काम कैसे करेगी? आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने 3 सदस्यीय परिसीमन कमेटी बनाई है लेकिन पूरे आदेश में कहीं नहीं कहा कि पूरी दिल्ली का परिसीमन कितने वार्ड में करना है। परसीमन का आदेश 100 फीसदी खोखला है क्योंकि परिसीमन समिति इस निर्णय के बिना कि कितने वार्ड बनाने हैं अपना काम खत्म करना तो बहुत दूर की बात है, अपना काम शुरू भी नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि दिल्लीवालों ने भाजपा को एमसीडी से बाहर फेंकने का मन बना लिया है। इसी वजह से लगातार एमसीडी के चुनाव टाला जा रहा है। जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा सिंगल डिजिट पर आ गई है, उसी तरह से एमसीडी के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी सिंगल डिजिट पर आएगी।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली में अप्रैल के महीने में एमसीडी का चुनाव होना था। हर दिल्लीवासी इंतजार कर रहा था कि कब एमसीडी का चुनाव होगा और कब 15 साल का का भारतीय जनता पार्टी का भ्रष्टाचार- कुशासन खत्म होगा। हर दिल्ली वाला इंतजार कर रहा था कि आखिरकार वोट डालने का समय आ गया, जो 15 साल से भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों की उगाही झेल रहे हैं, उसको अब वोट के माध्यम से खत्म कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली नगर निगम से फेंक कर बाहर कर सकते हैं। दिल्ली के किसी भी हिस्से जाइए तो लोगों के मुंह पर बस एक चीज थी कि अब एमसीडी में भी केजरीवाल।

भारतीय जनता पार्टी को भी यह पता चल गया था कि जनता उनके भ्रष्टाचार से तंग है। जब 9 अप्रैल को दिल्ली के स्टेट इलेक्शन कमीशन ने कहा कि हम आज शाम को चुनाव की तारीख की घोषणा करने वाले हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने तुरंत सोचा कि चुनाव को टालने के लिए अब हमें कुछ करना पड़ेगा, ताकि दिल्ली में चुनाव ना हो पाए। क्योंकि अगर अप्रैल के महीने में चुनाव हो जाएं तो उनको यह पता था कि जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा सिंगल डिजिट पर आ गई है। उसी तरह से एमसीडी के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी सिंगल डिजिट पर आ जाती। आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से चुनाव जीतने वाली थी। ऐसे में 9 अप्रैल को जब स्टेट इलेक्शन कमिशन प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाती है तो उनको मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स से इसी दिन चिट्ठी आ जाती है जो कहती है कि हम संसद में एक बिल लेकर आ रहे हैं जो तीनों एमसीडी को एक कर देगा। इसलिए आप चुनाव की घोषणा मत करिए। उसके बाद कई दिनों तक भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहते हैं कि जो बिल संसद में आएगा वह पूरी तरह से एमसीडी को बदल डालेगा। एमसीडी में प्रशासनिक और वित्तीय सुधार लेकर आएगा कि जो 15 साल से एमसीडी के चलने में समस्या आ रही है उन सभी समस्याओं को दूर कर देगा। इसी कारण से हमें यह बिल लेकर आना पड़ रहा है और चुनाव टालने पढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 25 मार्च को यह बिल लोकसभा में पेश होता है जो चार पन्ने में पूरा खत्म हो जाता है। सिर्फ एक ही चीज यह बिल करता है की 3 एमसीडी की जगह एक एमसीडी हो जाएगी। इस बिल में एक भी प्रशासनिक और वित्तीय सुधार रिफॉर्म नहीं आता। बस यह बिल एक उद्देश्य के लिए आता है और वह क्या उद्देश्य है कि किसी भी तरह से एमसीडी के चुनाव को टाल दिया जाए। यह बिल एक क्लॉज लेकर आता है जिसमें लिखा है कि एमसीडी में 250 वार्ड से ज्यादा नहीं होंगे, जबकि पहले 272 वार्ड थे। ऐसे में यह कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं है। यह बात बिल में क्यों डाली गई, क्योंकि जब 272 से वार्ड की संख्या बदली जाएगी तो पूरी परिसीमन की प्रक्रिया दोबारा होगी। वह एक चुनाव टालने का एक और तरीका है कि अब परिसीमन प्रक्रिया शुरू होगी। उसमें कई महीने लगेंगे तो यह क्लोज डाल दिया जाता है जो वार्ड की संख्या को बदल देता है।

विधायक आतिशी ने कहा कि 18 अप्रैल को यह गजट नोटिफिकेशन होता है। हम उसके बाद इंतजार करते हैं कि अब प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद 3 महीने बीत जाते हैं लेकर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है। फिर कल 8 जुलाई को एमएचए एक आदेश निकालता है कि जो दिल्ली नगर निगम कानून है उसके तहत परिसीमन करने के लिए कमेटी बनाई जा रही है जो 3 सदस्य की समिति है। जिसके अध्यक्ष स्टेट इलेक्शन कमिश्नर विजय देवजी हैं। इसमें कहा जाता है कि यह कमेटी 4 महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी लेकिन इस पूरे आदेश में यह कहीं नहीं कहा जाता की कितने वार्ड में पूरी दिल्ली का परिसीमन करना है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में जो कमेटी परसीमन कर रही है आपने उसे कागज पर तो काम दे दिया कि आप परसीमन करो, लेकिन जो सबसे जरूरी जानकारी आपको उन्हें देनी चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण निर्णय केंद्र सरकार को लेना था वह निर्णय केंद्र सरकार नहीं लेती है। इस आदेश में परिसीमन समिति को यह नहीं बताया जाता कि दिल्ली में कितने वार्ड बनाए जाने हैं। यह परसीमन का आदेश 100 फीसदी खोखला आदेश है क्योंकि परिसीमन समिति इस निर्णय के बिना कि कितने वार्ड बनाने हैं अपना काम खत्म करना तो बहुत दूर की बात है अपना काम शुरू भी नहीं कर सकती है। क्योंकि दिल्ली नगर निगम एक्ट के सेक्शन 5 सबसेक्शन 6 में स्पष्ट अक्षरों में कहता है कितने वार्ड बनने हैं, कितनी सीटों में परिसीमन होना है, इस पर निर्णय केंद्र सरकार लेगी। जब इस निर्णय के बिना यह परिसीमन समिति बना दी जाती है तो यह समझ में आता है कि यह एक खोखला आदेश है।

उन्होंने कहा कि यह एक और प्रयास है भारतीय जनता पार्टी का इस चुनाव को लेट करने का क्योंकि उन्हें पता है कि अगर चुनाव हो गए दिल्ली में तो दिल्ली की जनता ने तो अपना मन बनाया हुआ है कि आज नहीं तो कल दिल्ली में जब भी एमसीडी का चुनाव होगा तो भारतीय जनता पार्टी को निकाल कर बाहर करेगी और एमसीडी में भी केजरीवाल की सरकार बनाएगी। यह तो दिल्ली वालों ने अपना मन बनाया हुआ है और यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार एक पैंतरे के बाद दूसरा पैंतरा अपना रही है कि वह किसी भी तरह से नगर निगम के चुनाव को लंबित कर सके कि। जब तक हो सके भारतीय जनता पार्टी का शासन एमसीडी में चलता रहे। लेकिन मैं भारतीय जनता पार्टी को बताना चाहती हूं कि आपने एक बार पहले भी यह प्रयास किया था। दिल्ली में चुनाव टालने की कोशिश की थी।

2013 के चुनाव के बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया था और आपने दिल्ली का चुनाव नहीं करवाया लेकिन जितना समय बीतता गया उतनी ज्यादा आम आदमी पार्टी की और अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ती गई। जब 2013 के दिसंबर में दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ था तो आम आदमी पार्टी को 28 सीटें आई थी। लेकिन आपने जब चुनाव टाला और फरवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुआ तो फिर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की 70 में से 67 सीटें आई थी। आप यह बात याद रखिए कि दिल्ली वाली देख रहे हैं कि आज जो एमसीडी में कुशासन- भ्रष्टाचार चल रहा है, ऐसे में आप जितना चुनाव को टालेंगे हैं उतनी ही दिल्ली की जनता अपना वोट आम आदमी पार्टी को एक तरफा देगी। दिल्ली नगर निगम चुनाव में इस बार भी वो ही हाल होगा जो आपका दिल्ली विधानसभा में हुआ है। भाजपा एक सिंगल डिजिट में सीमित हो जाएंगे, जैसे दिल्ली विधानसभा में है।

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