Tuesday, July 23, 2024
Homeअंतराष्ट्रीयसरकारी स्कूलों के बच्चों ने साबित किया कि हम किसी से कम...

सरकारी स्कूलों के बच्चों ने साबित किया कि हम किसी से कम नहीं: केजरीवाल

  • 12 वीं के नतीजे ऐतिहासिक, सपने जैसी लगती है ये सफलता
  • सरकारी स्कूलों के बच्चों ने साबित किया कि हम किसी से कम नहीं
  • रिजल्ट बताते हैं कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक योग्य हैं और गरीब पेरेंट्स भी अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं
  • हमारे बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अब वह भी कुछ अचीव करके दिखा सकते हैं
  • पांच साल में विश्वगुरू बनने की राह तलाशेगी हमारी टीम एडुकेशन: मनीष सिसोदिया
  • 98 प्रतिशत रिजल्ट के साथ साथ औसत क्वालिटी इंडेक्स भी 306.53 से बढ़कर 341.79 हुआ
  • इस बार 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या मे तीन गुना इजाफा हुआ
  • 1089 से बढ़कर यह संख्या 3425 हुई, कुल 396 स्कूलों का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा

नई दिल्ली : बारहवीं की परीक्षा में 98 फीसदी रिजल्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐतिहासिक और अप्रत्याशित करार दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों के साथ बैठक में मंगलवार को केजरीवाल ने कहा कि हमने सपने में भी ऐसे शानदार रिजल्ट की कल्पना नहीं की थी। यह शिक्षा अधिकारियों, प्रिंसिपल्स, वाइस प्रिंसिपल स्कूल हेड, पेरेंट्स और स्टूडेंट्स की कठिन मेहनत का परिणाम है। केजरीवाल ने कहा कि पांच साल में शिक्षा विभाग में अद्भुत काम हुए हैं। पहले सरकारी स्कूलों को हीन भावना से देखा जाता था। बच्चों में भी यह भावना थी कि उनके पेरेंट्स के पास पैसों की कमी है, इसलिए उन्हें सरकारी स्कूल में भेजा गया है। लेकिन अब सरकारी स्कूलों के बच्चों ने यह साबित किया कि हम किसी से कम नहीं हैं।

इस दौरान सिसोदिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर कैंसर पीड़िता छात्रा अंकिता शर्मा को सफलता की बधाई दी। प्रिंसिपल किरण शर्मा ने बताया कि बुलबुल नामक स्पेशल चाइल्ड ने भी अच्छा रिजल्ट हासिल किया। मीटिंग में स्कूल ऑफ एक्सेलेंस, द्वारिका सेक्टर 22 की प्रिंसिपल ऋतु पुरी ने बताया कि उनके स्कूल से 158 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी और न सिर्फ सभी पास हुए बल्कि औसत क्वालिटी इंडेक्स 435.92 रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कहा जाता था कि गरीब लोग अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं। दरअसल पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती थी, इसलिए पेरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेजते थे। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों की अच्छी पढ़ाई के कारण पेरेंट्स में भी काफी दिलचस्पी जगी है। पेरेंट्स टीचर मीट में भी उनकी भागीदारी अच्छी है। केजरीवाल ने कहा कि हमारे बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अब वह भी कुछ अचीव करके दिखा सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि इन नतीजों ने यह भी साबित कर दिया कि सरकारी स्कूलों के टीचर किसी से कम नहीं हैं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा अच्छे नतीजे ला सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि अब हम शत प्रतिशत रिजल्ट लाने का भी सपना देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग यह पता लगाए कि पिछले 70 साल में किसी भी राज्य में 12वीं के सीबीएसई बोर्ड के नतीजे 98 फीसदी आए हैं अथवा नहीं। अगर दिल्ली का यह रिजल्ट पहला है, तो हमारे लिए बड़े उत्सव का अवसर होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई दिल्ली जीत रही है।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की टीम एजुकेशन की मेहनत पर आज पूरे देश को गर्व है। सिसोदिया ने दिल्ली के हर शिक्षक को बधाई दी। उन्होंने कहा आर्थिक मंदी के दौर में ऐसे शानदार रिजल्ट के जरिए हम भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से पेरेंट्स की नौकरी चली गई तथा बहुत से लोगों को व्यवसाय में नुकसान हुआ।जिन लोगों को प्राइवेट स्कूलों की फीस भरने में कठिनाई होगी, उन्हें चिंता की कोई बात नहीं है। उनके बच्चों का भविष्य हमारे सरकारी स्कूलों में सुरक्षित है। सिसोदिया ने कहा कि हमने शिक्षा क्रांति का बड़ा सपना देखा था। हमने स्कूल और बिल्डिंग अच्छी बना दी, ट्रेनिंग भी अच्छी करा दी, और अब नतीजे भी अच्छे आ रहे हैं। इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने भी अनुभव शेयर किए। द्वारिका सेक्टर 10 के अनिल कुमार ने बताया कि शिक्षकों ने कमजोर बच्चों की पहचान करके उनकी क्षमता के अनुरूप असाइनमेंट देकर मनोबल बढ़ाया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments