- आरडब्ल्यूए, व्यापारी और इंडस्ट्रलिस्ट असोसिएशन के पदाधिकारियों ने खुद मिलकर बताया कि केजरीवाल सरकार की घोषणा सिर्फ दिखावा मात्र है
- केजरीवाल सरकार 22,876 मेगावॉट के अनुसार फिक्स्ड चार्ज लगा रही है, जबकि महज 5 हजार मेगावॉट बिजली ही इस्तेमाल हो रही है, यानी लगभग 4 गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज वसूला जा रहा है
- अप्रैल से नवंबर तक फिक्स्ड चार्ज पूरी तरह माफ किया जाए, लॉकडाउन में जिन घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं ने बिजली का इस्तेमाल नहीं किया उनका भी फिक्स्ड चार्ज माफ किया जाए
नई दिल्ली : बुधवार को दिल्ली की प्रमुख आरडब्ल्यूए, व्यापारी एवं इंडस्ट्रलिस्ट असोसिएशन के पदाधिकारियों ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता से मुलाकात की। पदाधिकारियों ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने फिक्स्ड चार्ज में 50 प्रतिशत की छूट देकर सिर्फ दिखावा किया है। छूट के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जिससे कि सभी उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। श्री आदेश गुप्ता ने पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह उनके साथ खड़े हैं और उनके लिए केजरीवाल सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा केजरीवाल सरकार से जो मांगें की गई थीं, उसे पूरी तरह नहीं माना गया है। अभी भी लोगों को केजरीवाल सरकार से राहत की दरकार है।
अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि हर कोई जानता है कि लॉकडाउन के दौरान व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप थीं, जिस वजह से हर वर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में केजरीवाल सरकार को इस दौरान का फिक्स्ड चार्ज पूरी तरह माफ किया जाना चाहिए, जबकि अप्रैल व मई का फिक्स्ड चार्ज 50 प्रतिशत माफ करके ढोंग दिखाया जा रहा है। साथ ही केजरीवाल सरकार 22,876 मेगावॉट के हिसाब से फिक्स्ड चार्ज वसूल रही है, जबकि महज 5 हजार मेगावॉट बिजली का ही इस्तेमाल हो रहा है, यानी लगभग 4 गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज वसूला जा रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं ने जिस बिजली का इस्तेमाल किया ही नहीं है उन पर उसका बोझ डालना अमानवीय है।
अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि हम केजरीवाल सरकार से मांग करते हैं कि अप्रैल से लेकर नवंबर तक बिजली बिलों में फिक्स्ड चार्ज को पूरी तरह माफ किया जाए, साथ ही जिन घरेलू उपभोक्तओं ने बिल्कुल भी बिजली का इस्तेमाल नहीं किया है उनका भी फिक्स्ड चार्ज माफ किया जाए। अगले एक साल तक के लिए बिजली फिक्स्ड चार्ज में 50 प्रतिशत की कमी की जाए। उपभोक्ताओं को भारी-भरकम एवरेज बिल की जगह सही बिल भेजे जाएं और बिजली बिलों पर मिलने वाली सब्सिडी बहाल की जाए। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार ने मांगों को नहीं माना तो भारतीय जनता पार्टी दिल्ली वालों के साथ मिलकर व्यापक जनआंदोलन करेगी।