- विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता व सांसद मीनाक्षी लेखी ने मालवीय नगर के शहीद भगत सिंह पार्क में साउथ जोन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत पौधे लगाकर की
- वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें यह सबक भी दिया है कि प्रकृति के दोहन के कारण प्रदूषण की समस्याओं के लिए कहीं न कहीं स्वयं मनुष्य ही जिम्मेदार हैं
- अगर हम वाकई प्रकृति का संरक्षण करना चाहते हैं कि हमें अपनी दिनचर्या में सुधार कर सकारात्मक सोच का प्रसार करते हुए प्रकृति संरक्षण के लिए आसपास के लोगों को भी प्रेरित करना होगा
- प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि प्रकृति संरक्षण के लिए हम सक्रिय भागीदार बनें और अपने स्तर पर उस पर ईमानदारी से अमल भी करें
- प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान देकर वातावरण को साफ, सुंदर और स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी है, क्योंकि प्रकृति से ही हम हैं
नई दिल्ली : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर आज मंगलवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता व सांसद मीनाक्षी लेखी ने मालवीय नगर के शहीद भगत सिंह पार्क में साउथ जोन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत पौधे लगाकर की। इस कार्यक्रम के दौरान 3000 पौधे लगाए गए। इस अवसर पर निगम पार्षद डॉ नंदिनी शर्मा, प्रदेश जिला व मंडल के पदाधिकारी, आरडब्ल्यूए पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरांत आदेश गुप्ता, सांसद मीनाक्षी लेखी सहित उपस्थित पदाधिकारियों ने शहीद भगत सिंह की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि साउथ जोन द्वारा लॉक डाउन की अवधि में जर्जर पड़े शहीद भगत सिंह पार्क की साफ-सफाई के बाद पेड़ पौधे लगाकर इसे नया रूप देना अत्यंत सराहनीय है। इससे सभी में यह संदेश जाएगा कि छोटी-छोटी पहल से भी प्रकृति का संरक्षण संभव है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों किलोमीटर दूरी से भी लोगों ने हिमालय को देखा, गंगा जमुना जैसी पवित्र नदियां स्वतः ही स्वच्छ और निर्मल हो गई। प्रकृति के साफ-सुथरे रूप के साक्षी हम सभी बने। इस वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें यह सबक भी दिया है कि प्रकृति का बड़े पैमाने पर जिस प्रकार से दोहन किया जाता है उसके कारण बढ़ते प्रदूषण के खतरे से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो और इस तरह की समस्याओं के लिए कहीं न कहीं स्वयं मनुष्य ही जिम्मेदार हैं। पहले के लोग प्रकृति के संरक्षण के लिए चिंतित रहते थे वही आज अपनी सुविधा के लिए हम पर्यावरणीय नुकसान को नजरअंदाज करके देते हैं। अगर हम वाकई प्रकृति का संरक्षण करना चाहते हैं, हमें अपनी दिनचर्या में सुधार कर सकारात्मक सोच का प्रसार करते हुए प्रकृति संरक्षण के लिए आसपास के लोगों को भी प्रेरित करना होगा। मनुष्य के स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि लॉकडाउन हमें प्रकृति का वह सुंदर और सुनहरा रूप दिखाया है जो वर्षों से कहीं विलुप्त हो गया था। हमें यह समझने का बेहतरीन अवसर मिला है कि हम अगर चाहें तो स्वयं में बदलाव कर प्रकृति के शोषण को रोक सकते हैं और भविष्य की तस्वीर बदल सकते हैं। प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि प्रकृति संरक्षण के लिए हम सक्रिय भागीदार बनें और अपने स्तर पर उस पर ईमानदारी से अमल भी करें। प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान देकर वातावरण को साफ, सुंदर और स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी है क्योंकि प्रकृति से ही हम हैं।