Saturday, November 30, 2024
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डीडीए और एलजी दिल्ली के लोगों के सर से छत छीनने का काम कर रहे हैं : भारती

– केजरीवाल सरकार ने डिमार्केशन आदेश को रद्द कर दिया है, – केंद्र सरकार के नुमाइंदे एलजी वीके सक्सेना के अधीन डीडीए और दिल्ली पुलिस आती है, मैंने उन्हें पत्र सौंपकर डिमोलिशन रुकवाने का निवेदन किया लेकिन एलजी ने इंकार कर दिया- एलजी ने कहा कि हम दिल्ली को साफ करेंगे, अनधिकृत कॉलोनी से लेकर बहुमंजिला इमारतों को तोड़ेंगे-  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर मंत्री कैलाश गहलोत ने डिमार्केशन का रिव्यू कर उसे गलत करार दिया, फ्रॉड डिमार्केशन के रद्द होने के बावजूद महरौली में तोड़फोड़ की जा रही है – दिल्ली सरकार के आदेश में साफ बताया गया है कि यह डिमार्केशन गलत तरीके से किया गया है, इसका मतलब डिमोलिशन का आधार ही गलत है तो तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए- क्या भाजपा अपने एलजी, डीडीए और पुलिस का इस्तेमाल करके दिल्ली में तबाही फैलाना चाहती है?-  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधायक, पार्षद और कार्यकर्ता इस घृणित कार्य को नहीं होने देंगे, दिल्लीवासियों के घर उजाड़ने से पहले हमारा सामना करना पड़ेगा –  सोमनाथ भारती / – राजस्व मंत्री के आदेश के बावजूद भी वहां पर डेमोलिशन नहीं रोका जा रहा है, विरोध करने पर विधायक सोमनाथ भारती और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया –  महरौली के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। एलजी कह रहे हैं कि हमें दिल्ली को साफ करना है – कई दशक पुराने मकानों और हाउस टैक्स देने वाले लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, एलजी वीके सक्सेना दिल्लीवालों के साथ अन्याय मत करिए- नरेश यादव

नई दिल्ली, 13 फरवरी, 2023 : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने डिमार्केशन आदेश को रद्द कर दिया है। इसके बावजूद भाजपा शासित डीडीए और एलजी दिल्ली के लोगों के सर से छत छीनने का काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार के नुमाइंदे एलजी वीके सक्सेना के अधीन डीडीए और दिल्ली पुलिस आती है। मैंने उन्हें पत्र सौंपकर डिमोलिशन रुकवाने का निवेदन किया लेकिन एलजी ने इंकार कर दिया। एलजी ने कहा कि हम दिल्ली को साफ करेंगे। अनधिकृत कॉलोनी से लेकर बहु मंजिला इमारतों को तोड़ेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर मंत्री कैलाश गहलोत ने डिमार्केशन का रिव्यू कर उसे गलत करार दिया। फ्रॉड डिमार्केशन के रद्द होने के बावजूद महरौली में तोड़फोड़ की जा रही है। दिल्ली सरकार के आदेश में साफ बताया गया है कि यह डिमार्केशन गलत तरीके से किया गया है।

इसका मतलब डिमोलिशन का आधार ही गलत है तो डिमोलिशन नहीं होना चाहिए।‌ क्या भाजपा अपने एलजी, डीडीए और पुलिस का इस्तेमाल करके दिल्ली में तबाही फैलाना चाहती है? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधायक, पार्षद और कार्यकर्ता इस घृणित कार्य को नहीं होने देंगे। दिल्ली वासियों के घर उजाड़ने से पहले हमारा सामना करना पड़ेगा। महरौली विधायक नरेश यादव ने कहा कि राजस्व मंत्री के आदेश के बावजूद भी वहां पर डेमोलिशन नहीं रोका जा रहा है। विरोध करने पर विधायक सोमनाथ भारती और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। महरौली के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। एलजी कह रहे हैं कि हमें दिल्ली को साफ करना है। कई दशक पुराने मकानों और हाउस टैक्स देने वाले लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। एलजी वीके सक्सेना दिल्लीवालों के साथ अन्याय मत करिए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और डीडीए सदस्य सोमनाथ भारती ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और पत्र सौंपा। उनसे महरौली में डीडीए की तोड़फोड़ रुकवाने का निवेदन किया। इसके बाद पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि पूरी दिल्ली में एक डर का माहौल पैदा हो गया है। महरौली में बहुत भारी संख्या में डीडीए द्वारा लोगों को विस्थापित करने का कार्यक्रम चल रहा है। दिल्ली में डीडीए और पुलिस, दोनों डिपार्टमेंट्स राज्य सरकार के अधीन नहीं आते हैं। यह दोनों डिपार्टमेंट्स केंद्र सरकार यानी भाजपा की सरकार के अधीन आते हैं। इन दोनों डिपार्टमेंट्स को भाजपा एलजी के माध्यम से दिल्ली में चलाती है। पिछले 8 साल में इन दोनों डिपार्टमेंट्स ने दिल्ली के अंदर अपनी ताकत का दुरुपयोग ही किया है। डीडीए के चेयरमैन एलजी वीके सक्सेना हैं और यह केंद्र सरकार का विभाग है। डीडीए ने 12 दिसंबर 2022 को एक डिमोलिशन ऑर्डर पास किया और विभिन्न खसरा नंबर को खाली करने की जानकारी दी। इसके बाद इलाके में हाहाकार मच गया। क्योंकि हजारों घर इसकी चपेट में आ गए। करीब 1 लाख लोगों के विस्थापित करने के लिए भाजपा ने तैयारी करा ली। आम आदमी पार्टी ने मुद्दे को उठाया। हमें लगा कि इस मुद्दे को उठाने के बाद डीडीए भविष्य में यह काम नहीं करेगी। लेकिन 9 फरवरी 2023 को अचानक जानकारी मिली कि 10 फरवरी 2023 को डीडीए एक बहुत बड़ा डिमोलिशन ड्राइव करने जा रही है। इस डिमोलिशन ड्राइव में करीब 1 लाख लोग विस्थापित हो जाएंगे। जिस डिमार्केशन के आधार पर डिमोलिशन ड्राइव कर रहे हैं, ये डिमार्केशन ही फॉल्टी और फ्रॉड है। डिमार्केशन में त्रुटियां है, लेकिन इस बारे में कोई बताने को तैयार नहीं है। एलजी के लिए डीडीए राजनीति का एक औजार बन चुकी है।

उन्होंने कहा कि एक पत्र के माध्यम से डीडीए ने इस मुद्दे को रखा। इसके पैरा 2 के अनुसार इसका डिमार्केशन एनसीटी आफ दिल्ली रिवेन्यू डिपार्टमेंट द्वारा किया गया है। यह डिमार्केशन, दिल्ली के मुख्यमंत्री और रिवेन्यू मिनिस्ट के बिना संज्ञान में लाए बिना किया गया। दिल्ली लैंड रिफॉर्म एक्ट के तहत कोई भी गांव जब अर्बनाइज हो जाए तो वहां वो एक्ट खत्म हो जाता है। इसका मतलब कि डिमार्केशन की ड्यूटी रिवेन्यू डिपार्टमेंट की नहीं बनती थी, इसके बावजूद कराया गया। इस मुद्दे को जब हम 9 फरवरी 2023 रात को मंत्री कैलाश गहलोत के संज्ञान में लेकर आए। इसके अगले दिन 10 फरवरी को अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाई गई। उस बैठक का नोटिस जारी किया गया। हम इस नोटिस को दिखाने के लिए डीडीए के अधिकारियों के पास पहुंचे। हमने उनसे कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर मंत्री कैलाश गहलोत ने मीटिंग बुलाई है। क्योंकि जिस डिमार्केशन के आधार पर लाखों लोगों को विस्थापित किया जा रहा हैं वो गलत है। इसलिए आज का डिमोलिशन डीडीए के अधिकारी रोक दें। मैं और महरौली के विधायक नरेश इस बात को बताने के लिए डिमोलिशन साइट पर पहुंचे तो हमें गिरफ्तार कर लिया गया। उनका कहना था कि हमारा यहां होना ठीक नहीं है। हम अवैध काम कर रहे हैं। यानी जो गरीब, आम नागरिक को बचाने जाएगा और भाजपा की इन हरकतों के विरोध में सच्चाई सामने लाएगा, उसे गिरफ्तार कर लेंगे।

विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि इस मुद्दे की जानकारी हमने मुख्यमंत्री को दी। इसके बाद एक मीटिंग बुलाई गई। मैंने लिखित में पूरी जानकारी दी कि किस तरह से डिमार्करेशन का आर्डर फ्रॉड है। क्योंकि इसके लिए मुख्यतः तीन प्रिंसिपल/नियम का पालन करना जरूरी है। सबसे पहला नियम यह है कि जिस भी जमीन का डिमार्करेशन हो, वहां पर रह रहे लोगों का इसमें शामिल होना जरूरी है। उनसे यह पूछना जरूरी है कि वह किस हक से यहां बैठे हैं। उनके पास मालिकाना हक का क्या सबूत है। मगर इस नियम का पालन नहीं किया गया। दूसरा नियम यह है कि जब डिमार्केशन होने के बाद उसे पब्लिक में डिसप्ले किया जाता है, ताकि उसकी समीक्षा की जा सके। मगर इस नियम का भी पालन नहीं हुआ। सबसे बड़ी बात यह है कि लाइन ऑफ डिवीजन को शिफ्ट गया है। उसे गैर आबादी इलाके से आबादी वाले इलाके में शिफ्ट किया गया है और हजारों घरों को तोड़ने के लिए डिमार्केशन के अंदर लाया गया।

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बात पर संज्ञान लिया और एक सरकारी आर्डर के जरिए डिमार्केशन को गलत बताया है। उन्होंने साफ लिखा है कि इस मुद्दे पर गांव के लोगों के साथ-साथ सोमनाथ भारती का रिप्रेजेंटेशन आया है। मंत्री ने अपने आर्डर में साउथ दिल्ली के डीएम के मेहरौली आर्कियोलॉजिकल क्षेत्र में दोबारा डिमार्केशन के निर्देश दिए हैं। यह डिमार्केशन मुझे जानकारी में रखते हुए किया जाएगा। प्रक्रिया में डिमार्केशन से प्रभावित लोगों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया को पूर्ण निष्पक्षता और पारदर्शिता से किया जा सके। इसके बाद साउथ दिल्ली के डीएम को निर्देश दिए गए कि वह इसकी जानकारी डीडीए के अधिकारियों को दे। जिसके तहत पहले डिमार्केशन की प्रक्रिया की जाएगी। इसलिए डिमोलिशन को रोका जाए।

दिल्ली सरकार के आदेश में साफ बताया गया है कि यह डिमार्केशन गलत तरीके से किया गया है। यह इसे अवैध करार दे रही है। इसका मतलब डिमोलिशन का आधार ही गलत है। ऐसे में डिमोलिशन नहीं होना चाहिए। मगर यह दिल्ली सरकार के आदेश के बावजूद डिमोलिशन को नहीं रोक रहे हैं। इसी कारण आज मैं एक डिटेल लेटर के साथ एलजी से मिलने गया। मैंने उन्हें समझाने का प्रयत्न किया कि यह डिमोलिशन किस प्रकार से अवैध है। जब केजरीवाल सरकार ने डिमार्केशन के आर्डर को नल एंड वाइड कर दिया है, उसके बावजूद भाजपा शासित डीडीए, दिल्ली पुलिस और एलजी साहब मिलकर दिल्ली के लोगों के सर से छत छीनने का काम कर रहे हैं। यह निंदनीय, असंवैधानिक और हर तरह से अवैध है।

मैंने एलजी वीके सक्सेना से यह बात कही कि आप चुनी हुई सरकार द्वारा पास किए गए ऑर्डर को मानने से इंकार कर रहे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट की पुरानी रिपोर्ट में आपके इशारों पर डिमार्केशन की लाइन शिफ्ट की गई थी, उसके आधार पर आप डिमोलिशन करा रहे हैं। अब वही रेवेन्यू डिपार्टमेंट कह रहा है कि यह डिमार्केशन गलत है। पहले आपने चोरी-छिपे डिपार्टमेंट का दुरुपयोग करते हुए गलत रिपोर्ट बनाई और अब सरकार गलत रिपोर्ट की बात कह रही है तो आप उसे मानने से इंकार कर रहे हैं। मैं दिल्ली वासियों को बहुत दुख के साथ कहना चाहता हूं कि इस मामले में एलजी का कहना था कि दिल्ली को हम साफ करेंगे। जब मैंने उनसे पूछा कि दिल्ली को साफ करेंगे से आपका क्या मतलब है तो एलजी का कहना था कि चाहे अनधिकृत कॉलोनी हो, झुग्गी बस्ती हो, मकान हो या दुकान हो, 5 या 6 मंजिला हो उन सबको तोड़ेंगे। अगर एलजी की ऐसी नियत है तो मैं बहुत दुख के साथ भाजपा को कहना चाहता हूं कि आप जिसके सर से छत छीनोगे, उन लोगों की बददुआएं आपको कहीं का नहीं छोड़ेंगी।

मुझे लगता है अगर ये अनधिकृत कॉलोनियों, झुग्गी झोपड़ियों और मिडिल क्लास लोगों को घर से उजाड़ने शुरू कर देंगे तो दिल्ली सिर्फ 25 फीसदी रह जाएगी। इस तरह से दिल्ली तबाह हो जाएगी। क्या भाजपा अपने एलजी, डीडीए और पुलिस का इस्तेमाल करके दिल्ली में तबाही फैलाना चाहती हैं? इस तरह से चारों तरफ त्राहिमाम त्राहिमाम हो जाएगा। आप अभी महरौली में जाकर देखें। वह लोग कितने परेशान हैं। उन सभी लोगों के पास रजिस्ट्री हैं, मगर इन्हें मौका नहीं दिया गया कि आकर अपने मालिकाना हक को साबित कर सकें।

मैं भाजपा को चेतावनी दोता हूं कि आपके ये मंसूबे हम पूरे नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधायक, काउंसलर्स, सभी कार्यकर्ता उनके इस घृणित कार्य को नहीं होने देंगे। दिल्ली के एलजी साहब को यह बात शोभा नहीं देती कि वह दिल्ली को साफ करने के इस तरह के बयान जारी करें। ऐसा कर उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी है, लेकिन उनकी इस मंशा और धरातल की सच्चाई के बीच हम होंगे। अगर यह किसी घर को उजाड़ना चाहते हैं तो पहले हमारा सामना करना पड़ेगा।

महरौली के विधायक नरेश यादव ने कहा कि 12 दिसंबर 2022 को पहली बार डिमोलिशन आर्डर आया था। जिससे करीब 30-40 हजार लोग प्रभावित हो रहे थे। इस आर्डर को पूरे इलाके में चिपका दिया गया। ऐसे में इलाके में दहशत का माहौल बन गया। मैंने डीडीए मेंबर सोमनाथ भारती के संज्ञान में इस मुद्दे को लाया। जांच के बाद पता चला कि डीएम साउथ ने नई डिमार्केशन की है। हमें डीडीए ने इसे लेकर डॉक्यूमेंट्स नहीं दिए, जिसके बाद हमने डीएम साउथ से डॉक्यूमेंट हासिल किए। यह मुद्दा हमने विधानसभा में भी उठाया और विरोध-प्रदर्शन भी किया। हमें लगा कि एलजी तक यह मुद्दा अब तक पहुंच गया और उन्होंने डिमोलिशन को डीडीए के माध्यम से रोक दिया होगा। क्योंकि हजारों लोगों पर इसका असर पड़ रहा था। यहां केवल झुग्गियां ही नहीं है, बल्कि 30 से 40 साल पुराने मकान और कई पुरानी-पुरानी इमारतें भी है।  

उन्होंने कहा कि अचानक 9 फरवरी को पत्र के जरिए मालूम हुआ कि डीडीए ने डिमोलिशन ड्राइव शुरू किया है। इस मुद्दे को सीएम अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद दिल्ली के रेवेन्यू मिनिस्टर कैलाश गहलोत के साथ बैठक कर एक नोटिस जारी किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने रेवेन्यू मिनिस्टर को डिमार्केशन को रिव्यू करने और गलत पाए जाने पर कैंसिल करने के आदेश दिए। उन्होंने 10 फरवरी को डीएम साउथ के साथ बैठक कर इस सारे मुद्दे पर चर्चा हुई। रेवेन्यू मिनिस्टर द्वारा सारे डॉक्यूमेंट्स मंगाए गए। 11 फरवरी को आर्डर जारी कर रेवेन्यू मिनिस्टर में साफ-साफ कहा कि डीएम साउथ द्वारा की गई डिमार्केशन को निरस्त कर दिया जा रहा है। नए सिरे से यह सारी डिमार्केशन होगी।

विधायक नरेश यादव ने कहा कि इस जानकारी के साथ जब हम लोगों बेहद मुश्किल से साइट पर पहुंचे, तो हमें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूरा दिन हम पुलिस स्टेशन में बैठे रहे और रविवार को भी साइट पर पूरा डेमोलिशन करते रहे। रेवेन्यू मिनिस्टर के आर्डर के बावजूद भी वहां पर डेमोलिशन नहीं रोका जा रहा है। विधायक सोमनाथ भारती आज एलजी से मिले।  यह पूरा मुद्दा डीडीए और एलजी के अंडर है। दिल्ली सरकार का नाम केवल डिमार्केशन रिपोर्ट को लेकर आया। डिमार्केशन रिपोर्ट को लेकर क्षेत्रीय एमपी ने भी संसद में मामला उठाया कि डीएम साउथ ने डिमार्केशन की है, जिसकी वजह से काफी लोगों के घर टूट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डिमार्केशन रिपोर्ट के खारिज करने के बाद में क्या रह जाता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट आर्डर दे दिया है कि डिमार्केशन के आधार पर डीडीए डिमोलिशन कर रहे हैं, अब वो डीस्पयूटिड हो गई है। उसे दोबारा से किया जाएगा। महरौली के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। एलजी कह रहे हैं कि हमें दिल्ली को साफ करना है। ये वो लोग हैं जिनकी डिमार्केशन की वजह से रजिस्ट्रियों को आप अवैध बता रहे हैं। 30-40 साल पुराने मकान वाले और हाउस टैक्स देने वाले लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। एलजी वीके सक्सेना दिल्लीवालों के साथ अन्यायमत करिए।

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