- दिल्ली में रह रहे 4 लाख प्रवासियों ने अपने मूल प्रदेश जाने को किया पंजीकरण-
- पंजीकरण करने वाले प्रवासियों में सबसे अधिक बिहार (1,95,746) और उत्तर प्रदेश (1,84,997) के निवासी
- प्रवासियों को अपने मूल प्रदेश भेजने के लिए रेलवे विभाग को पत्र लिख कर 262 ट्रेनों की मांग की गई
- आज 25 ट्रेनों की मदद से उत्तर प्रदेश और बिहार समेत अन्य प्रदेशों के करीब 37500 प्रवासियों को भेजा गया
नई दिल्ली : दिल्ली में रह रहे करीब 4 लाख प्रवासी लोगों ने अपने मूल प्रदेश जाने के लिए अब तक आॅनलाइन पंजीकरण कराया है। घर जाने वाले प्रवासियों में मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। बिहार के रहने वाले करीब 2 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है, जबकि उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1.84 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्यप्रदेश के रहने वाले लोगों ने पंजीकरण कराया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेलवे को पत्र लिख कर अगले चार दिनों में 262 ट्रेनों की मांग की है, ताकि सभी लोगों को उनके मूल प्रदेश भेजा जा सके। वहीं, आज दिल्ली सरकार ने पंजीकृत करीब 37,500 प्रवासी मजदूरों को 25 ट्रेनों की मदद से अपने मूल प्रदेश के लिए भेजा है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से विभिन्न प्रदेशों के रहने वाले लाखों की संख्या में प्रवासी लोग दिल्ली में फंसे हुए हैं। लाॅकडाउन के चलते सभी का रोजगार चला गया है और वे बेरोजगार घर पर बैठे हैं। बेरोजगारी की वजह से वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। लिहाजा वे अपने मूल प्रदेश जाना चाहते हैं। दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले अपने मूल प्रदेश जाने को इच्छुक प्रवासी मजदूरों को आॅनलाइन पंजीकरण करने के लिए कहा था। इसके लिए दिल्ली सरकार ने https://epass-jantasamvad-org/train/passenger/ लिंक जारी किया है। 1़9 मई 2020 तक इस वेबपोर्टल पर करीब 4 लाख लोगों ने पंजीकरण किया है। जिसमें सबसे अधिक बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, बिहार के रहने वाले करीब 1 लाख 95 हजार 746 लोगों ने घर जाने के लिए पंजीकरण किया है। इसमें बिहार के दरभंगा जाने के लिए सबसे अधिक 14836, मधुबनी जाने के लिए 14355, सीतामढ़ी जाने के लिए 11156, मुजफ्फरपुर जाने के लिए 11707 और कटिहार जाने के लिए 10247 लोगों ने पंजीकरण किया है। बिहार के अन्य सभी जिलों से भी लोगों ने घर जाने के लिए पंजीकरण किया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के रहने वाले करीब 1 लाख 84 हजार 997 लोगों ने पंजीकरण किया है। इसमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जाने के लिए 14914, गोरखपुर जाने के लिए 13279, जौनपुर जाने के लिए 11554, अंबेडकरनगर जाने के लिए 8103 और बस्ती जिला जाने के लिए 7770 लोगों ने पंजीकरण किया है। यूपी के अन्य जिलों से भी इसी तरह लोगों ने पंजीकरण कर घर जाने की इच्छा जताई है। इसी तरह छत्तीसगढ़ जाने के लिए करीब 3200, झारखंड जाने के लिए करीब 6135 और मध्यप्रदेश जाने के लिए 5132 लोगों ने पंजीकरण कराया है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में अब तक करीब 4 लाख प्रवासी लोगों ने अपने मूल प्रदेश जाने के लिए पंजीकरण किया है। इन प्रवासी कामगारों को मूल प्रदेश पहुंचाने के लिए करीब 262 ट्रेनों की जरूरत है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेलवे विभाग को पत्र लिख कर कहा है कि अगले चार दिनों में उन्हें टेनें उपलब्ध कराई जाए, ताकि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल प्रदेश छोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 20 मई को भी करीब 25 ट्रेनों की मदद से 37500 प्रवासी कामगारों को उनके मूल प्रदेश के लिए रवाना किया है। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए 11-11 ट्रेनें रवाना की गई हैं। इसके अलावा झारखंड भी ट्रेन से प्रवासियों को भेजा गया है।-
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार कोविड-19 के लाॅकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ेगी। दिल्ली में रहने वाले प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है। अगर वे यहां रहना चाहते हैं, तो हम उनका पूरा ध्यान रखेंगे। यदि वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं, तो हम उनके लिए ट्रेनों की व्यवस्था करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसी प्रवासी मजदूरों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। उनके लिए जितनी जरूरत होगी, उतनी ट्रेन का इंतजाम किया जाएगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वे सड़क और रेलवे पटरियों पर न चलें। अधिकारियों को ऐसे लोगों को रैन बसेरों में ले जाने और उन्हें भोजन, पानी आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का कहना है कि ट्रेनों में जाने के लिए पहले पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए लिंक https://epass-jantasamvad-org/train/passenger/ दिया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी यात्री को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली में फंसे प्रवासियों की आवाजाही की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम कर रही है। यह इंतजाम भारतीय रेल के साथ-साथ बसों द्वारा संबंधित राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करके किया जा रहा है। दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि दिल्ली में फंसे प्रत्येक प्रवासी अपने घर जल्द से जल्द पहुंच जाए। दिल्ली में फंसे सभी प्रवासी, जो श्रमिक विशेष ट्रेनों व बसों के माध्यम से प्रस्थान करना चाहते हैं, वे लिंक https://epass-jantasamvad-org/train/passenger/ पर आवेदन कर सकते है। पंजीकरण के बाद उन्हें संबंधित ट्रेनों व बसों के प्रस्थान और समय के बारे में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।