- – एंट्रेंस से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उपमुख्यमंत्री ने की विद्यार्थियों के साथ चर्चा – एंट्रेंस परीक्षा की तैयारी में महंगी कोचिंग न बने बाधा इसलिए इस इस अनूठे प्रयास के तहत हजारों छात्रों को स्कूली स्तर पर ही दी गई पर्याप्त सहायता – दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके सपनों के कॉलेजों के करीब ले जाने की दिशा में फ्री सीयूईटी प्रीप्रेटरी क्लासेज एक महत्वपूर्ण कदम – इस साल सीईयूटी प्रीप्रेटरी क्लासेज में शामिल होने वाले हर विद्यार्थी करें सुनिश्चित, जो सीखा उससे भविष्य में अन्य जरूरतमंद छात्रों का करेंगे मार्गदर्शन – बच्चों ने कहा फ्री सीयूईटी प्रीप्रेटरी क्लासेज से एंट्रेंस के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट और टाइम मैनेजमेंट में मिली मदद, एंट्रेंस टेस्ट को लेकर डर भी हुआ खत्म – स्टूडेंट्स को मिला कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का अनुभव इसलिए लिए टीचर्स ने मिलकर तैयार किए सभी स्ट्रीम के लिए ऑनलाइन मॉक टेस्ट
12 जुलाई, नई दिल्ली : कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) को लेकर पिछले दिनों दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों में इस परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग प्रदान की| एंट्रेंस परीक्षा से पहले, उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कौटिल्य सर्वोदय विद्यालय, चिराग एन्क्लेव में विद्यार्थियों के एंट्रेंस की तैयारियों के अनुभवों को जानने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत की। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि,“इस साल पहली बार देश में उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है| ऐसे में हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बहुत से विद्यार्थी ऐसे है जो इस एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन पैसे के अभाव में कोचिंग संस्थानों की उच्च फीस नहीं भर सकते है| ऐसे में हमारे बहुत से स्कूलों ने अपनी एक अनूठी पहल के तहत ये सुनिश्चित किया है कि एंट्रेंस टेस्ट देने के इच्छुक छात्रों को स्कूली स्तर पर ही पर्याप्त सहायता प्रदान की जाए, ताकि उन्हें वित्तीय कारणों से अपने सपनों को छोड़ना न पड़े।”
इस अनूठे पहल को लेकर दक्षिणी-पूर्वी जिले के स्कूलों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि यहां के स्कूलों में लगभग 5000 विद्यार्थियों के लिए 20 दिनों की CUET की प्रीप्रेटरी क्लासेज का आयोजन किया गया, जो इन विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के उनके सपनों को कॉलेजों के करीब ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की इस पहल के तहत छात्रों को 13 से अधिक विषयों की तैयारी में मार्गदर्शन किया गया। इसके साथ ही उन्हें ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज के जरिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का एक्सपोजर दिया गया। इसके लिए प्रत्येक स्ट्रीम- आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के लिए मॉक टेस्ट तैयार किए गए थे। इससे बच्चों में टाइम मैनेजमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट के स्किल्स आए है और लगातार प्रैक्टिस ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है और छात्रों में परीक्षा के डर को कम किया है।
विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते हुए, उपमुख्यमंत्री ने उन्हें भविष्य में अन्य जूनियर साथियों को भी सपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया, जिन्हें आने वाले साल में इस एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी के लिए गाइडेंस की आवश्यकता हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक के एस उपाध्याय, शिक्षा उप निदेशक, दक्षिण पूर्वी दिल्ली डॉ संजय चतुर्वेदी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहें|
कैसे किया गया दिल्ली सरकार के स्कूलों में फ्री CUET प्रीप्रेटरी क्लासेज का संचालन
– स्कूलों के ग्रुप बनाकर कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम की तैयारी के लिए बनाए गए स्पेशलाइज्ड सेंटर
– आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों को स्कूली स्तर पर मिली गाइडेंस
– पूरे जिले में सीयूईटी की तैयारी के लिए शुरू किए गए 106 सेंटर
– सब्जेक्ट स्पेसिफिक तैयारियों के साथ विद्यार्थियों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा से भी करवाया गया परिचित क्योंकि ज्यादातर बच्चों को पहले कभी कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा देने का नहीं था अनुभव
– विद्यार्थियों की प्रैक्टिस के लिए कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा के लिए टेक्निकल टीम की मदद से तैयार किए गए 5 ऑनलाइन कंप्यूटर बेस्ड मॉक टेस्ट
– मॉक टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर विद्यार्थियों को किया गया वर्गीकृत, शिक्षकों से मिली इंडिविजुअल अटेंशन
– मॉक टेस्ट का तुरंत और आटोमेटिक होता था मूल्यांकन, विद्यार्थियों को अपने वीक एरिया को सुधारने का मिलता था पूरा समय
-छात्रों को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन देने के लिए बेस्ट टीचर्स को किया गया तैनात
– इस अनूठे प्रयास पर बच्चों का क्या कहना है
कौटिल्य सर्वोदय विद्यालय, चिराग एन्क्लेव के विद्यार्थी राजकुमार ने कहा कि “मैंने कभी भी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट नहीं दिया और न ही मुझे इसके बारे में पता था। लेकिन 20 दिनों की प्रीप्रेटरी क्लासेज में मैं न केवल कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट की पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ पाया और अपनी कमजोरियों पर काम किया बल्कि मॉक टेस्ट के दौरान बेहतर ढंग से टाइम-मैनेजमेंट करना भी सीख पाया|” डॉ.भीम राव अम्बेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, कालकाजी के हिमांशु ने बताया कि “हमें बेस्ट टीचर्स द्वारा इस एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करवाई गई| हमारे टीचर्स ने सभी को बेहतर ढंग से गाइड करने का काम किया और हमें इंडिविजुअल अटेंशन भी दी| टीचर्स से मिलने वाले लगातार फीडबैक से हमें नेगेटिव मार्किंग से बचने और स्ट्रेटजी के साथ सवालों को हल करने में मदद मिली|”