नई दिल्ली, 2 जुलाई 2022 : दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली संभल नहीं रही है और वे दूसरे राज्यों के चुनावी पर्यटन में एक बार फिर से व्यस्त हो गए हैं। अपनी पार्टी के राजनीतिक विस्तार में मग्न केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को उनकी हालात पर छोड़ दिया है जबकि दूसरे राज्यों में जाकर नए-नए झूठे चुनावी वायदें करके वहां के लोगों को सब्जबाग दिखाते हैं। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में आज बिजली के बढ़ते हुए बिल लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। झुग्गी में रहने वालों के भी बिजली बिल लाखों रुपये में आ रहे हैं जबकि पानी तो पूरे दिल्ली में गंदा और बदबूदार आ रहा है और लोग उसे पीकर तरह-तरह की खतरनाक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
आदेश गुप्ता ने केजरीवाल द्वारा शनिवार को मध्यप्रदेश में जनता से किए गए खोखले वायदों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मुफ्त’ को राजनीति एजेंडा बनाकर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, जलबोर्ड सहित अन्य सभी विभागों में भ्रष्टाचार किया है। आज इनकी दो राज्यों में सरकार है और दोनों राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री जेल के अंदर हैं जो इनकी भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि सत्येन्द्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देने के लिए केजरीवाल मजबूर हैं। केजरीवाल जहां भी जा रहे हैं अपनी भ्रष्टचार में डूबी दिल्ली की बदहाल होते मोहल्ला क्लीनिक और स्कूलों को क्रांति बताकर जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं जबकि हकीकत बिल्कुल इससे उलट है। आज दिल्ली सरकार के स्कूल में तीन-तीन शिफ्टों में छात्र पढ़ने के लिए मजबूर हैं और उन्हें जबरन फेल किया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ भी नहीं है। दूसरी ओर मोहल्ला क्लीनिक जुआरियों के अड्डे बने हुए हैं या कई मोहल्ला क्लीनिक में छुट्टे जानवरों को घूमते देखा जा सकता है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली ही नहीं बल्कि जिस भी राज्य में जाते हैं जनता को भ्रम जाल में फंसाने का काम करते हैं जबकि जनता इनकी इस चाल से भली भांति परिचित है। इसलिए पिछले चुनावों में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की चार राज्यों में जमानत तक जब्त हो गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली केजरीवाल सरकार से संभल नहीं रही है और पंजाब में जब से सरकार बनी है तब से मर्डर और खालिस्तानी गतिविधियां तेज हो गई हैं। ऐसे में जनता को भी समझना चाहिए कि केजरीवाल को सत्ता में बैठाने का परिणाम क्या होता है।