Saturday, November 9, 2024
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आरटीआई आंदोलन की ‘उपज’ केजरीवाल सत्ता पाते ही सूचना के अधिकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं : आदेश गुप्ता

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा की गई शिकायत पर उपराज्यपाल के जांच का किया स्वागत – केजरीवाल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं इसलिए वे नहीं चाहते हैं कि आरटीआई के माध्यम से उनकी काली करतूतें दिल्ली के सामने आएं – केजरीवाल सरकार ने आरटीआई में मांगी गई राजस्व विभाग की 60 फीसदी जानकारी गलत दी – केजरीवाल अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए दिल्ली की आम जनता के अधिकारों का हनन कर रहे हैं – केजरीवाल सरकार 1500 करोड़ रुपये के ईडब्ल्यूएस कोटे के गरीबों के उपचार की जानकारी नहीं दे पाई : आदेश गुप्ता

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2022 : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसलिए केजरीवाल सरकार नहीं चाहती है कि उसके द्वारा किसी भी प्रकार की नाकामियों की पोल सूचना के अधिकार के तहत जनता के बीच आए। वह सूचना के अधिकार का गलत तरीके से पेश कर उसे या तो दबा देना चाहती है या फिर सूचना देने में देरी कर रही है। इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं जिसका भाजपा समर्थन करती है।

आदेश गुप्ता ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय सूचना आयुक्त ने 22 सितंबर 2022 को एक पत्र लिख कर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है जिसका भाजपा समर्थन करती है और साथ ही उपराज्यपाल ने इसके लिए जो जांच के आदेश दिए हैं, उसका भी भाजपा समर्थन करती है। गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा लिखे गए पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार सूचना के अधिकार को सही तरीके से लागू नहीं कर रही है और उसको लेकर गंभीर नहीं है। यही नहीं पत्र में साफ तौर पर उन मुद्दों का भी हवाला दिया गया है जिसमें केजरीवाल सरकार ने सूचना के अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है या गलत सूचनाएं दी। सूचना आयुक्त द्वारा कहा गया है कि राजस्व विभाग की जानकारी लेने के लिए जब भी आरटीआई लगाई गई तो उसके लगभग 60 प्रतिशत जवाब गलत तरीके से पेश किए गए।

आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार की नाकामियों की आवाज भाजपा उठा चुकी है। सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली सरकार से जो भी सूचना दिल्लीवासी मांगते हैं तो उन सूचनाओं को या तो केजरीवाल सरकार पारदर्शी तरीके से नहीं देती है या अगर देती है तो गलत आंकड़े पेश कर भ्रमित करने का प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आरोप नहीं बल्कि इसके पुख्ता सबूत भी है। दिल्ली में 1500 करोड़ रुपये से इडब्ल्यूएस कोटे के गरीब लोगों का जो उपचार होना था वो नहीं हुआ और जब इसके बारे में जानने के लिए आरटीआई का सहारा लिया गया तो भी केजरीवाल सरकार द्वारा कुछ जवाब नही दिया गया। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि यह वही केजरीवाल हैं जो मुख्यमंत्री बनने से पहले खुद को आरटीआई एक्टिविस्ट कहते थे। उस समय तक के तत्कालिन सरकारों के खिलाफ इन्होंने कई सबूत इकट्ठा किए थे और उसके खिलाफ आंदोलन किए थे।

आदेश गुप्ता ने केजरीवाल को आरटीआई आंदोलन की उपज की संज्ञा देते हुए कहा कि केजरीवाल सत्ता पाते ही अपनी कार्यपद्धति बदल चुके हैं। जो भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ, अकर्मणता और नाकामी के खिलाफ आवाज आरटीआई द्वारा उठाना चाहता है, उन सभी दिल्लीवालों को सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं गलत तरीके से या देर से परोसी जा रही है। साथ ही इसमें किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं है। यह गंभीर आरोप खुद सूचना आयोग द्वारा चिट्ठी लिखकर लगाया गया है।

आदेश गुप्ता ने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल के बारे में पूछे गए सवालों का भी सही से जवाब केजरीवाल सरकार नहीं दे पाई। जबकि 580 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अस्पतालों के बारे में पूछने पर भी कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा सूचना के अधिकार का हनन करने के मुद्दे पर केजरीवाल को आगाह करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार दिल्लीवालों का हक है और इसे अगर रोकने की कोशिश की गई तो भाजपा चुप नहीं बैठने वाली। आज हुए संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी, प्रदेश प्रवक्ता यासिर जिलानी एवं आदित्य झा उपस्थित थे।

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