Monday, October 7, 2024
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केजरीवाल सरकार चोर दरवाजे से बढ़ा रही है बिजली के रेट : बिधूड़ी


कर्मचारियों की पेंशन से लेकर मुफ्त बिजली की वसूली भी जनता से

नई दिल्ली, 10 जुलाई 2022: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजधानी में चोर दरवाजे से बिजली के रेट बढ़ाने पर केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ दिल्ली सरकार ने बिजली की सब्सिडी की योजना पर शर्तें लगा दी हैं और दूसरी तरफ अब पीपीएसी यानी पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट के नाम पर बिजली के रेट बढ़ा दिए हैं। बिधूड़ी ने मांग की है कि बिजली के रेट में बढ़ोतरी तुरंत वापस ली जाए।


नेता विपक्ष ने कहा कि अब पीपीएसी यानी पावर परचेज एडजस्टमेंट के नाम से बिजली के बिलों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। बिजली की उचित समय पर खरीद की जिम्मेदारी कंपनियों की है। अगर कंपनियां इस जिम्मेदारी को पूरा नहीं करतीं तो फिर जनता से इसकी वसूली कैसे की जा सकती है? सर्दियों में बिजली कम दरों पर खरीदी जाती है, अगर इसी सिद्धांत का पालन किया जाए तो उस समय बिजली सस्ती की जानी चाहिए। बिधूड़ी ने कहा कि सरकार इस मामले में मूक दर्शक बनी हुई है जिसका मतलब है कि बिजली के ज्यादा रेट सरकार की सहमति से लिए जा रहे हैं।

  • दिल्ली के उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डाला जा रहा है: बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार पूरी दुनिया में यह प्रचार करती है कि दिल्ली में बिजली के रेट नहीं बढ़े जबकि सच्चाई यह है कि चोर दरवाजे से दिल्ली के उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डाला जा रहा है। दिल्ली में फिक्स्ड चार्ज पूरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। कर्मचारियों की पेंशन के नाम पर दिल्ली की जनता से वसूली की जा रही है जबकि पेंशन की देनदारी सरकार की है, जनता की नहीं। बिजली कर्मचारियों को जो मुफ्त बिजली दी जाती है, उसकी भरपाई भी जनता की जेब से की जाती है।

  • कमर्शियल उपभोक्ताओं से वसूली जा रही है अधिक राशि: बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अब 200 यूनिट तक सब्सिडी देने पर शर्तें लगा दी हैं और जनता के मांगने पर ही यह सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा दिल्ली में घरेलू और कमर्शियल रेट पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली के घरेलू उपभोक्ताओं को करीब 8 रुपए प्रति यूनिट और कमर्शियल उपभोक्ताओं को करीब 14 रुपए प्रति यूनिट तक का भुगतान करना पड़ता है जोकि पिछले सात सालों में ही बढ़ाया गया है।
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