Tuesday, July 23, 2024
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केजरीवाल सरकार ने शुरू किया ’मिशन कुशल कर्मी’ कार्यक्रम, श्रमिकों के अपस्किलिंग में मिलेगी मदद : सिसोदिया

’मिशन कुशल कर्मी’ कार्यक्रम के तहत डीएसईयू और दिल्ली कंस्ट्रक्शन बोर्ड निर्माण श्रमिकों को निर्माण स्थल पर जाकर देगी ट्रेनिंग, देश में पहली बार जब कोई यूनिवर्सिटी श्रमिकों के पास जाकर देगी उन्हें ट्रेनिंग – केजरीवाल सरकार श्रमिक भाई-बहनों को देगी काम सीखने के लिए पैसे, ट्रेनिंग के दौरान श्रमिकों की दिहाड़ी का न हो नुकसान इसलिए श्रमिकों को ट्रेनिंग पूरा करने पर मिलेंगे ₹ 4200 – ट्रेनिंग के बाद निर्माण कंपनियों को मिल पाएंगे अच्छे, स्मार्ट तरीके से काम करने वाले श्रमिक, काम बेहतर होगा, प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, वेस्टेज कम होने के साथ बचत भी होगी भरपूर – शिक्षण के बाद श्रमिकों की आय में होगा सुधार,  प्रतिमाह 3000 से 8000 रूपये तक बढ़ेगी आय – ’मिशन कुशल कर्मी’ कार्यक्रम के माध्यम से उन निर्माण श्रमिक भाई-बहनों को देंगे ट्रेनिंग जो है हमारे शहरों के निर्माता, ट्रेनिंग से श्रमिकों को अपना कौशल बढ़ाने और जीवन स्तर बेहतर करने में मिलेगी मदद

 

नई दिल्ली :  06 जुलाई, 2022 : दिल्ली के श्रमिकों को बेहतर जिन्दगी देने के लिए प्रतिबद्ध केजरीवाल सरकार दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी व दिल्ली कंस्ट्रक्शन बोर्ड के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत उनका अपस्किलिंग करेगी| इस बाबत उपमुख्यमंत्री व श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को ‘मिशन कुशल कर्मी’ नामक इस स्किलिंग प्रोग्राम को लांच किया| इस मौके पर दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन व कालका जी से विधायक आतिशी, डीएसईयू की उपकुलपति प्रो.निहारिका वोहरा व कंस्ट्रक्शन बोर्ड के सचिव अरुण कुमार झा उपस्थित रहें|

इस मौके पर श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा सिम्पलेक्स, नरेडको और इंडिया विज़न फाउंडेशन के साथ निर्माण श्रमिको, राजमिस्त्रियों आदि को कुशल कारीगर बनाने के लिए शुरू किया गया ये प्रोग्राम बेहद खास है जहाँ 15 -15 दिन के एक विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरीय श्रमिकों के अपस्किलिंग का काम किया जाएगा|  और इसके तहत 1 साल में 2 लाख श्रमिकों को विभिन्न क्षेत्रों में स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से अपस्किलिंग के साथ श्रमिकों की आय में भी ₹8000 तक की बढ़ोतरी होगी। साथ ही निर्माण कंपनियों को अच्छे, स्मार्ट तरीके से काम करने वाले श्रमिक मिलने से उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, काम भी बेहतर होगा, वेस्टेज कम होगा और भरपूर बचत भी होगी।

सिसोदिया ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान श्रमिकों की दिहाड़ी का नुकसान न हो इसके लिए ट्रेनिंग पूरा करने के बाद सभी श्रमिकों को 4200 रूपये भी दिए जाएंगे| उन्होंने कहा कि लोग कुछ सिखाने के लिए ट्रेनिंग देने के लिए फीस लेते है लेकिन अरविंद केजरीवाल जी की सरकार में हम अपने श्रमिक भाई-बहनों को सीखने के लिए पैसे दे रहे है| उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसा होता है कि लोगों को ट्रेनिंग लेने के लिए किसी इंस्टिट्यूट जाना होता है लेकिन देश में ये पहली बार है जब कोई यूनिवर्सिटी वहीं आकर श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही है जहाँ श्रमिक काम कर रहे है| 

दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन व कालका जी से विधायक आतिशी ने कहा कि डीएसईयू द्वारा किया गया ये कार्यक्रम बेहद ख़ास है| इस कार्यक्रम के के माध्यम से हम उन निर्माण श्रमिक भाई-बहनों को ट्रेनिंग देने का काम करेंगे जो हमारे शहरों के निर्माता है| उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम की मदद से निर्माण श्रमिक अपने कौशल में कुछ और नया जोड़ पाएंगे जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा|  उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के बाद श्रमिकों की आय में भी वृद्धि होगी और वे अपना जीवनस्तर बेहतर कर पाएंगे| उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप अभी 3 जगहों पर ऐसे ट्रेनिंग सेंटर्स चला रही है तथा आने वाले दिनों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी| इन सभी सेंटर्स पर श्रमिकों के लिए शानदार ट्रेनिंग एरिया भी बनाए गए है|

क्या है ‘मिशन कुशल कर्मी’

– इस कार्यक्रम का उद्देश्य अगले दो सालों में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में उद्योग की मांग को ध्यान में रखते हुए 2 लाख से अधिक रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को अपस्किलिंग करनी है| – निर्माण श्रमिकों को 120-घंटे (15 दिन) ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी|

‘मिशन कुशल कर्मी’ से श्रमिकों को क्या लाभ होंगे?*

– प्रशिक्षण के पूरा हो जाने के बाद हर श्रमिक को मिलेगा 4200 रूपये का वेज़ कंपनसेशन -अपस्किलिंग के बाद श्रमिकों की आय में होगा सुधार, प्रशिक्षण के बाद प्रतिमाह 3000 से 8000 रूपये तक बढ़ेगी आय – इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स की स्टडी के अनुसार इस प्रशिक्षण से गुजरने के बाद श्रमिकों की उत्पादकता में 40% की होगी वृद्धि, किया की गुणवत्ता में 25% की वृद्धि और निर्माण के दौरान सामग्री की बर्बादी  50% तक कम होगी| – श्रमिकों के डोमेन स्किल्स और सॉफ्ट स्किल्स में होगा सुधार, बढ़ेगा आत्मविश्वास -श्रमिकों में मानक सुरक्षा मानदंडों को लेकर समझ होगी बेहतर

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