– रूट रेशनलाइजेशन के तहत दिल्ली के हर कोने से एक निश्चित समय अंतराल पर मिलेंगी बसें – केजरीवाल सरकार के नए प्लान के अंतर्गत पूरी दिल्ली में पांच से दस मिनट की वेटिंग टाइम के अंदर उपलब्ध होगी बसें – दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों में, जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां भी बस सेवा उपलब्ध कराई जाएंगी – मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों की सेवा दी जाएगी और दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा – इन सुझावों लागू होने के बाद पूरी दिल्ली में कोई भी यात्री मानक के अनुसार 15 मिनट के अंदर और 500 मीटर के दायरे में बस प्राप्त कर सकेगा – अभी दिल्ली में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानक के हिसाब से सिर्फ 49 फीसद है, इसको बढ़ाकर 90 से 95 फीसद किया जाएगा – दिल्ली में मौजूदा बसों के बेड़े का अधिक कुशलता के साथ कैसे उपयोग करें, हमें और कितनी बसें चाहिए? ट्रांसपोर्ट के सभी तरीकों को कैसे एकीकृत करें? आज मैंने रूट रेशनलाइजेशन प्रस्ताव पर परिवहन विभाग के साथ चर्चा की, हम जल्द ही इस पर जनता का फीडबैक लेंगे : अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 03 अगस्त, 2022 : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। केजरीवाल सरकार दिल्ली में सार्वजनिक बसों के रूटों का रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) कर रही है। इस संबंध में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रूट रेशनलाइजेशन को लेकर की गई स्टडी के सुझावों को लागू करने के संबंध में प्रजेंटेशन दिया। रूट रेशनलाइजेशन के तहत दिल्ली के हर कोने से एक निश्चित समय अंतराल पर बसें मिल सकेंगी। नए प्लान के तहत पूरी दिल्ली में 5 से 10 मिनट के समय अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी। दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों में, जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां भी बस सेवा उपलब्ध कराई जाएंगी।
मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों की सेवा दी जाएगी और दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा। सुझावों लागू होने के बाद पूरी दिल्ली में कोई भी यात्री मानक के अनुसार, 15 मिनट के अंदर और 500 मीटर के दायरे में बस प्राप्त कर सकेगा। अभी दिल्ली में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानक के हिसाब से सिर्फ 49 फीसद है, इसको बढ़ाकर 90 से 95 फीसद किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा बसों के बेड़े का अधिक कुशलता के साथ कैसे उपयोग करें, हमें और कितनी बसें चाहिए? ट्रांसपोर्ट के सभी तरीकों को कैसे एकीकृत करें? आज, मैंने रूट रेशनलाइजेशन प्रस्ताव पर परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। हम जल्द ही इस पर जनता का फीडबैक लेंगे। इस बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली के कोने-कोने में बस सेवा को पहुंचाने के लिए आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष रूट रेशनलाइजेशन स्टडी के सुझाव लागू करने के लिए प्रजेंटेशन दिया। इस प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि दिल्ली के शहरी और ग्रामीण इलाकों तक बस सेवा को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है और कैसे दिल्ली के किसी भी कोने में रहने वाला कोई व्यक्ति कम समय में और कम पैसे खर्च करके दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने तक बस सेवा से सफर कर सकता है। इस समीक्षा बैठक में कई मुद्दों पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। जिसमें डीटीसी और क्लस्टर बसों के शहर के रूट, अंतर्राज्यीय बस रूट, आईएसबीटी का बेहतर उपयोग करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए आरटीवी और डीएमआरसी फीडर मार्ग तय करने, ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी आदि की भूमिका का अध्ययन करने के लिए तर्कसंगत मार्गों को लागू करने आदि पर चर्चा की गई।
- रूट रेशनलाइजेशन स्टडी का लक्ष्य : रूट रेशनलाइजेशन स्टडी के सुझावों को लागू करने से दिल्ली वासियों को कई फायदे होंगे। प्रस्तावित सुझावों के अंतर्गत अब दिल्ली के चारों तरफ के 13 सबसे व्यस्त परिवहन केंद्रों से दिल्ली सेंट्रल बिजनेस डिट्रक्ट जैसे रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, आईएसबीटी तक 5 से 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी की बस सेवा से जोड़ा जाएगा। दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों को जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं है, उनको भी सुनिश्चित बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसी प्रकार, मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए फीडर की सेवा दी जाएगी। साथ ही, दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी को भी और बेहतर किया जाएगा। सुझावों लागू करने से दिल्ली में कोई भी यात्री 15 मिनट के अंदर बस सेवा करीब 500 मीटर के दायरे में प्राप्त कर सकेगा। इस स्टडी के द्वारा दिल्ली में मौजूदा समय में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानके के हिसाब से सिर्फ 49 फीसद है। दिल्ली सरकार इसको बढ़ाकर 90 से 95 फीसद करेगी।
अब दिल्ली के रूटों को चार कटेगरी में बांटा जाएगा : अब दिल्ली के सभी रूटों को एक साथ शामिल कर उनको चार कटेगरी में बांटा जाएगा। पहला, ट्रंक नेटवर्क होगा, जिसके अंदर तीन सेट्रल बिजनेस डिट्रक्ट (सीबीडी) सर्कुलेटर और 27 सुपर ट्रंक रूट शामिल है। इसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी। दूसरा, प्राइमरी नेटवर्क होगा, जिसमें 10 से 15 मिनट की बसों की फ्रीक्वेंसी होगी। तीसरा सेकेंडी और चौथा फीडर नेटवर्क होगा, जिसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 15 से 20 मिनट की होगी। मौजूदा समय में दिल्ली में 625 बस रूट हैं, जिसमें अभी 7200 बसें चल रही हैं। उसी तरह से मिनी/आरटीवी के 72 रूट हैं, जिसमें 799 बसें चल रही है। जबकि मैक्सी कैब के 14 रूट हैं, जिसमें तकरीबन 120 वाहन चल रहे हैं। अब स्टडी के बाद 625 स्टैंडर्ड बसों के रूट में से 274 रूटों पर बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी। इसके अलावा, बचे 351 रूटों पर मौजूदा समय में जिस तरह से बसें चल रही हैं, उसी तरह से आगे भी चलती रहेंगी। आने वाले समय में स्टैंडर्ड बसों की संख्या 7200 से 8494 की जाएंगी। इसके अलावा, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मिनी मिडी की बसें 120 रूटों पर चलाई जाएंगी, जिनकी संख्या करीब 2000 होगी। इसी तरह, मेट्रो फीडर की सर्विस 44 रूटों पर चलाई जाएगी, जिसमें बसों की संख्या 480 होगी।
कई नए रूट तय किए जाएंगे : स्टडी के अनुसार, स्टैंडर्ड बसों के 274 रूटों कई कटेगरी में बांटा गया है। इस स्टडी के तहत ट्रंक रूटों की संख्या 30 होगी, जिसमें पांच रूट नए हैं। उसी तरह, प्राइमरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 154 होगी, जिसमें नए रूट 18 होंगे। सेकेंडरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 65 होगी। इसके अलावा, एनसीआर और एयरपोर्ट रूटों की संख्या 38 की जाएगी, जिसमें 12 नए रूट होंगे। बहरी इलाकों में भी उपलब्ध होगी बस सेवा : दिल्ली के जिन एरिया में बसों की सेवा मौजूदा समय में उपलब्ध नहीं है। उन एरिया में बस सेवा का विस्तार किया जाएगा। मसलन, बवाना, नरेला, बुराड़ी, नजफगढ़ और छतरपुर के कई बाहरी इलाकों में भी लोगों को बस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन इलाकों में दिल्ली सरकार द्वारा मिनी मिडी फीडर बसें चलाई जाएगी।
स्टडी के अनुसार प्रस्तावित सीबीडी सर्कुलेटर के रूट
1- सीबीडी सर्कुलेटर 01: मोरी गेट से मोरी गेट : इससे मोरी गेट, दिल्ली गेट, आईटीओ, केंद्रीय सचिवालय, शिवाजी स्टेडियम टर्मिनल (कनॉट प्लेस), करोल बाग, तीस हजारी कोर्ट, मोरी गेट रूट शामिल है। इसकी लंबाई करीब 22 किलोमीटर होगी। 2- सीबीडी सर्कुलेटर 02: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन 3- इससे नई दिल्ली, दिल्ली गेट, आईटीओ, हुमायूँ का मकबरा, आश्रम, लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, एम्स, केंद्रीय सचिवालय, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली रूट शामिल है। इसकी लंबाई 31 किलोमीटर होगी।
सीबीडी सर्कुलेटर 03: नेहरू प्लेस से नेहरू प्लेस इसमें मुख्य नोड्स जुड़ेरू, नेहरू प्लेस, चिराग दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, मुनिरका, मोती बाग, एम्स, मूलचंद, कैलाश कॉलोनी, नेहरू प्लेस रूट शामिल है। इसकी लंबाई 28 किलोमीटर होगी। मौजूदा समय में 37 फीसदी लोग कर रहे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल / बसों के रूट रेशनलाइजेशन के लिए छह तरह के सर्वे किए गए। इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे के अनुसार, 2 लाख लोगों में से 37 फीसद लोग सार्वजनिक सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए। सर्वे में कई बातें सामने निकल कर आई हैं। मसलन, लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है। दिल्ली में 37 फीसदी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, बदरपुर जैसे ट्रांजिट सेंटरों पर यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है। लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 33 फीसद लोगों द्वारा ई रिक्शा का उपयोग किया जाता है।
मौजूदा बस सेवा का प्रदर्शन :दिल्ली के मौजूदा बस सेवा के प्रदर्शन में कई चुनौतियां हैं। मसलन, सेड्यूल के पालन की चुनौती है। प्रत्येक ट्रिप में प्रति बस में औसतन 36 यात्री सफर करते हैं। मार्गों और अन्य सेवाओं का हाई ओवरलैप, ग्रामीण सेवा और आरटीवी तय रूट से अलग चलनां आदि है। वहीं, दिल्ली और उसके आसपास के यात्रा पैटर्न को भी देखा गया। जिसमें पाया गया कि दिल्ली केंद्रीय एरिया में बसों में यात्रा करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। दिल्ली के बस स्टापों का भी दौरा किया गया और इसमें पाया गया कि दिल्ली में पांच प्रमुख बस स्टाप हैं, जहां पर सुबह और शाम को पीक आवर के दौरान प्रति घंटा सबसे अधिक यात्रियों की संख्या होती है। इसमें पहले नंबर पर बदरपुर बॉर्डर है, जहां पर प्रति घंटा 1382 लोग बसों का सफर करते हैं। इसके बाद कश्मीरी गेट है। यहां पर प्रति घंटा 480 लोग बसों में सफर करते हैं। इसी तरह, मंडी हाउस में प्रति घंटा 408, पालिका केंद्र में प्रति घंटा 380, मंगलापुरी टर्मिनल में प्रति घंटा 327 लोग सफर करते हैं।
मध्यम आय वर्ग वाले एरिया के रूटों पर पड़ रहा सबसे अधिक बोझ : इस दौरान यह भी देखा गया है कि विभिन्न आय वर्ग के लोग जिस एरिया में सबसे अधिक रहते हैं, वहां पर बस सेवा का उपयोग करने वालों की तादात कितनी है। दिल्ली में 15 एरिया है, जहां पर कम आय वर्ग के 25 फीसद लोग सार्वजनिक सेवा का उपयोग करते हैं। इस वजह से इन लोअर इनकम ग्रुप (एलआईजी) क्षेत्रों में स्टॉप पर सार्वजनिक सेवाओं पर अधिक बोझ पड़ता है। इन ट्रांजिट स्टॉप पर बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। बवाना/नरेला, मुंडका, दिल्ली कैंट चार्ज-4 व 6, पुसा, कापसहेड़ा, किशनगढ़, आया नगर, कश्मीरी गेट, एनडीएमसी चार्ज-3, निजामुद्दीन, त्रिलोकपुरी, सरिता विहार, छतरपुर और भाटी ट्रांजिट स्टॉप पर अधिक यात्रियों की भीड़ होती है। इसी तरह, मध्यम आय वर्ग वाले 15 एरिया को भी चिंहित किया गया है, जहां पर 30 से 70 फीसदी लोग सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग करते हैं। जिसके चलते मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) वाले एरिया के रूटों पर चलने वाली बसों पर अधिक बोझ पड़ता है। इनमें से कई एमआईजी वार्ड पश्चिम और दक्षिणी दिल्ली में स्थित हैं। इसमें अशोक विहार, पीरागढ़ी, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, दिल्ली कनॉट प्लेस, बिजवासन, मालवीय नगर, कीर्ति नगर, विवेक विहार, चांदनी चौक, दरियागंज, एनडीएमसी चार्ज-6 अमर कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश वन, शापुर जाट शामिल है।