Wednesday, October 2, 2024
Homeअंतराष्ट्रीयनई आबकारी नीति लागू होने से पहले कमिटी के सुझाव को दरकिनार...

नई आबकारी नीति लागू होने से पहले कमिटी के सुझाव को दरकिनार कर शराब नीति को किया गया लागू : संबित पात्रा

  • – मनीष सिसोदिया ने होलसेल का काम बिना टेंडर और बिना किसी पब्लिक नोटिस के निजी हाथों में सौंप दिया – पंजाब चुनाव में मोटी रकम देने वाली ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों को दिए गए टेंडर-संबित पात्रा- आबकारी नीति को वापस लेने से पहले ही 19 कंपनियों ने शराब के ठेके कर दिए थे सरेंडर – केजरीवाल की मौजूदगी के बावजूद उपराज्यपाल के पास जाने वाली फाइलों पर जॉइंट सेक्रेटरी या एडिशनल सेक्रेटरी के हस्ताक्षर क्यों होते हैं – केजरीवाल सरकार एक ऐसी शराब नीति की वकालत कर रही थी जो लोगों का घर उजाड़ रही है –
  • केजरीवाल सरकार आबकारी नीति में किये गए भ्रष्टाचार पर पूछे एक भी सवाल का जवाब तक नहीं दे पा रही है – सिसोदिया ने आबकारी नीति को लागू करने से लेकर अब तक सिर्फ झूठ परोस रहे हैं – आदेश गुप्ता

नई दिल्ली, 24 अगस्त 2022: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नई आबकारी नीति लागू होने से पहले तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई थी जो मार्च 2020 में एक रिपोर्ट समिट की। उस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि सरकार अपने पास होलसेल का काम रखे जबकि रिटेल का काम बड़ी कम्पनी को देने की जगह लॉटरी सिस्टम के आधार पर  इंडिविजुअल को दें। श्री पात्रा ने कहा कि सुझाव के बावजूद मनीष सिसोदिया ने होलसेल का काम बिना किसी टेंडर फॉलो किये और बिना किसी पब्लिक नोटिस के निजी हाथों में सौंप दिया जिसके बाद ही इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।

आज भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए संबित पात्रा ने कहा कि सुझाव में साफ कहा गया था कि अगर बड़ी कम्पनियों को टेंडर दिया गया तो नुकसान होगा, लेकिन बावजूद उसके सिसोदिया ने ना सिर्फ रिटेल का काम बड़ी कम्पनियों को दिया बल्कि मैन्युफैक्चरर को भी रिटेल में शामिल कर कमीशन 2.5 फीसदी से 12 फीसदी बढ़ा दिया ताकि मोटी कमाई हो सके। पात्रा ने कहा कि पंजाब चुनाव के लिए जिसने मोटी रकम दी उसको नियम और रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए टेंडर दे दिए गए चाहे वह ब्लैक लिस्टेड कम्पनी ही क्यों न हो। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि जब इस नीति को वापस लिया गया तो उससे पहले 5 जोन के 19 कंपनियों ने शराब के ठेके में हुए नुकसान का हवाला देते हुए सरेंडर कर दिया था लेकिन बावजूद दूसरे नम्बर की कम्पनी को वह जोन देने की जगह सिसोदिया उन्हीं कम्पनियों पर अटके रहे क्योंकि मोटी कमाई उन्हीं से होनी थी। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना मौजूद थे।

संबित पात्रा ने केजरीवाल से सवाल पूछते हुए कहा कि इतने बड़े मामलों में जो भी फाइल्स उपराज्यपाल तक जाती थी उसमें सीएम के हस्ताक्षर नहीं होते थे बल्कि जॉइंट सेक्रेटरी या एडिशनल सेक्रेटरी के हस्ताक्षर होते थे। जबकि ये सारे प्रपोजल देते वक्त ना ही कोई आपातकाल रहा और ना ही सीएम दिल्ली से बाहर गए थे। इस बारे में खुद उपराज्यपाल ने भी पत्र लिखकर सीएम केजरीवाल से जवाब मांगा है क्या केजरीवाल उन प्रपोजल को देखते भी थे और अगर देखते थे तो उसपर उनके साइन क्यों नहीं थे।

आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार एक ऐसी शराब नीति की वकालत करती रही जो लोगों के घरों को उजाड़ने का काम करती रही है। देवली के अंदर शराब के ठेके खोलने के विरोध में महिलाओं को बाउंसर बुलाकर पिटवाने का काम भी करने से केजरीवाल पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के युवाओं को शराब की लत लगाने के लिए और खुद की जेब भरने के लिए सिसोदिया ने दिन रात जो मेहनत किया है, उसका दुष्परिणाम अब निकल गया है। आज उनकी पूरी सरकार आबकारी नीति में किये गए भ्रष्टाचार के एक सवाल का जवाब तक नहीं दे पा रही है।

आदेश गुप्ता ने कहा कि मनीष सिसोदिया इस आबकारी नीति को लागू करने से लेकर इसके वापस लेने तक सिर्फ और सिर्फ झूठ परोसने का काम किया है। सबसे पहले उन्होंने आबकारी नीति को लागू करने से पहले करोड़ो रूपये का फायदा गिनवाया। फिर विधानसभा में कहा कि दिल्ली के 100 वार्ड ऐसे हैं जहाँ शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। उसके बाद जब इसमें भ्रष्टाचार की खबर आई और जांच बैठ गई तो कहा कि यह नीति काफी नुकसान वाली है इसलिये इसे वापस लेना पड़ा। मतलब सिर्फ अपने फायदे के लिए सिसोदिया मासूम जनता का गला घोंटने से भी पीछे नहीं हटे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments