Monday, May 13, 2024
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MCD चुनाव : अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जनता का आरोप पत्र

  • – जनता की नजर में अरविंद केजरीवाल दोषी – नगर निगम चुनावों में जनता सजा देगी आम आदमी पार्टी को

नई दिल्ली, 17 नवम्बर 2022: दिल्ली प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जनता का दोषी करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जनता के साथ किए गए हर वादे को केजरीवाल भूल गए हैं। इसलिए जनता की तरफ से भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना एवं प्रवीण शंकर कपूर, पूर्व महापौर आरती मेहरा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्वेता पाठक भी उपस्थित थे। रामवीर सिंह बिधूड़ी और आरोप पत्र के लिए बनाई गई समिति के सदस्यों ने आज प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप पत्र जारी करते हुए कहा कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली पूरी तरह बर्बाद हो गई है। बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सड़क, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, समाज कल्याण, ग्रामीण इलाके और रोजगार के क्षेत्र में केजरीवाल ने जनता के साथ जो भी वादे किए थे, वे झूठे साबित हुए हैं। सच तो यह है कि केजरीवाल जनता की नजरों में दिल्ली की बदहाली के लिए पूरी तरह दोषी हैं। इसलिए जनता आगामी नगर निगम चुनावों में इस वादाखिलाफी के कारण केजरीवाल को सजा देगी। संवाददाता सम्मेलन में चार्जशीट कमेटी की सदस्य आरती मेहरा, हरीश खुराना, प्रवीण शंकर कपूर तथा श्वेता पाठक भी उपस्थित थे।

बिधूड़ी ने आरोप पत्र के आरोपों को गिनवाते हुए बताया कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ वादा किया था कि 24 घंटे पानी उपलब्ध कराया जाएगा लेकिन पिछले आठ सालों में पानी की सप्लाई में एक एमजीडी की भी बढ़ोतरी नहीं हुई। दिल्ली में पानी की सप्लाई 900 एमजीडी है जबकि मांग 1300 एमजीडी को पार कर गई है। दिल्ली की 40 फीसदी आबादी को दिल्ली जल बोर्ड का पानी नहीं मिलता। जहां पानी आता भी है, वहां इतना गंदा है कि लोग कैंसर, लीवर और किडनी की बीमारियों से त्रस्त हो रहे हैं। इसी तरह सीवर लाइन का भी विस्तार नहीं हो सका। गांवों और 83 फीसदी अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन नहीं डाली गई। केजरीवाल ने 15 हजार बसें खरीदने का वादा किया था लेकिन डीटीसी की बसों की संख्या आठ साल में 6500 से घटकर 3760 रह गई है और ये सारी बसें भी ओवरएज हो चुकी हैं जिनमें रोज आग लग रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट न मिलने से लोग निजी वाहन सड़क पर उतारने के लिए मजबूर है जिससे भीड़, जाम, प्रदूषण और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।

बिधूड़ी ने कहा कि बिजली के बिल हाफ करने के नाम पर भी जनता के साथ धोखा किया गया है। फिक्स चार्ज, पेंशन चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स के कारण दिल्ली में बिजली पूरे देश की तुलना में सबसे महंगी है। औसतन घरेलू बिजली 8.50 रुपए प्रति यूनिट और कमर्शियल बिजली 18 रुपए प्रति यूनिट मिल रही है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो दिल्ली की जनता कोरोना काल में देख ही चुकी है। केजरीवाल ने दिल्ली में 30 हजार नए बेड देने का वादा किया था लेकिन आठ साल में सिर्फ 2918 बेड बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को बूचड़खाना कहा है।

दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लीनिकों का बहुत बखान करती है लेकिन मोहल्ला क्लीनिकों में न प्रशिक्षित डॉक्टर हैं और न ही दवाइयां। मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों की गलत दवाई से कई बच्चों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के नाम पर 22.25 लाख रुपए की लागत से 16 बाइक खरीदकर बाइक एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी लेकिन वह बंद हो गई और बाइक खड़ी-खड़ी कबाड़ हो गईं। मोदी सरकार की 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की आयुष्मान भारत योजना को विधानसभा में घोषणा के बावजूद दिल्ली में लागू नहीं होने दिया गया। पिछले आठ सालों में केजरीवाल सरकार की ओर से दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं खोला गया।

श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के लिए नए मॉडल की बात की जाती है लेकिन 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया गया था और एक भी नया स्कूल नहीं खोला गया। उल्टे 50 स्कूल बंद कर दिए। 22 हजार गेस्ट टीचर्स को वादा करके भी पक्का और नहीं किया गया। नेशनल परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में दिल्ली आठवें नंबर पर है। 20 कॉलेज खोलने का वादा था लेकिन एक भी नहीं खोला गया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने नौकरी के नाम पर भी लोगों को सिर्फ झांसा ही दिया। 8 लाख नौकरियों का वादा पहले किया था और 20 लाख नौकरियों का वादा पिछले बजट में किया है लेकिन दिल्ली सरकार ने स्वयं आरटीआई में जवाब दिया है कि पिछले आठ सालों में मात्र 440 लोगों को ही नौकरी दी गई। सरकारी विभागों में 2 लाख कांट्रेक्ट कर्मचारियों को पक्का करने का वादा करके उनके साथ विश्वासघात किया गया। आंगनवाड़ी, आशा वर्कर्स और वोकेशनल ट्रेनस का लगातार शोषण हो रहा है। प्रदूषण के वादे किस तरह टूटे हैं, पूरी दिल्ली यह देख रही है। दिल्ली के माथे पर दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी होने का कलंक लगा हुआ है। दिल्ली में 16 स्मॉग टावर लगाने का वादा किया था लेकिन सिर्फ दो लगे और वे भी चालू नहीं हैं। यमुना गंदा नाला बन चुकी है। केंद्र सरकार ने यमुना की सफाई के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपए दिए लेकिन वे भी पानी में बहा दिए क्योंकि उनका कोई हिसाब नहीं दिया गया।

बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार को बुजुर्गों की हालत पर भी कोई दया नहीं आई। बुजुर्गों का ध्यान रखने का वादा घोषणा पत्र में किया था लेकिन 2018 से किसी नए आवेदन पर पेंशन नहीं दी गई। 60 लाख से ज्यादा लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है लेकिन एक भी राशन कार्ड नहीं बनाया। वादा किया था कि सफाई कर्मचारियों का सम्मान करेंगे लेकिन कोरोना के दौरान मारे गए योद्धाओं के परिजनों को एक करोड़ देने का वादा सफाई कर्मचारियों पर लागू नही किया।

केजरीवाल ने दिल्ली से सबसे बड़ी वादाखिलाफी दिल्ली को नशामुक्त बनाने के वादे पर की। नई आबकारी नीति से दिल्ली की गली-गली में शराब के ठेके खोलकर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कई ठेके बंद कराए गए और आखिर आबकारी नीति वापस लेनी पड़ी। केजरीवाल ने किसानों से वादा किया था कि फसलों पर एमएसपी का 50 फीसदी अतिरिक्त देंगे लेकिन इस वादे से मुकर गए। दिल्ली में लालडोरा नहीं बढ़ाया गया और गांवों में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई। गांवों ही नहीं यमुनापार की भी अनदेखी की गई और इसके विकास के लिए 1994 में बनाया गया विकास बोर्ड ही निष्क्रिय कर दिया। कोरोना काल में किराएदारों को राहत देने के लिए खुद ही यह घोषणा की कि सरकार उनका किराया अदा करेगी लेकिन फिर मुकर गए। यहां तक कि कोर्ट की फटकार के बाद भी किराए का भुगतान नहीं किया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार केजरीवाल सरकार के विकास मॉडल में कहीं है ही नहीं। इसलिए वादा तो था 50 फ्लाई ओवर बनाने का लेकिन एक भी फ्लाई ओवर का नया प्रोजेक्ट नहीं दिया। सीसीटीवी और फ्री वाई फाई के वादे को भी भूल गए। ज्यादातर सीसीटीवी खराब पड़े हैं या चोरी हो गए जबकि वाई फाई का तो अता-पता ही नहीं है। दिल्ली के ऑटो वालों से भी ऑटो स्टैंड, ऑटो खरीदने में सबसिडी और चालान होने पर गाड़ी जब्त न करने जैसे वादे किए थे। वे भी सभी हवा-हवाई हो गए।

भाजपा के आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नैतिकता को भी तिलांजलि दे दी है। वह कहते थे कि न बंगला लेंगे, न गाड़ी और न सुरक्षा। अब मुख्यमंत्री की लग्जरी कार के साथ 30 गाड़ियों का काफिला चलता है। यही नहीं, केजरीवाल के रहने के लिये करोड़ों की लागत से महल बनाया गया और जिसमें अकेले स्विमिंग पूल पर ही कई करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये। अब 100 से ज्यादा दिल्ली और पंजाब पुलिस के कर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात हैं। अनैतिकता का आलम यह है कि सिर्फ वोटों के लिए मस्जिदों में इमामों को हर महीने 30-30 हजार रुपया वेतन दिया जा रहा है जबकि पुजारियों, ग्रंथियों, बौद्ध मठों और गिरजाघरों के पादरियों को एक पैसे का भी वेतन नहीं दिया जाता। रोहिंग्या और बंगलादेशियों को दिल्ली में सरकार जमीन पर बसाया गया है और उन्हें मुफ्त बिजली, पानी, राशन, महिलाओं को डीटीसी बसों में यात्रा और पेंशन के साथ-साथ उनके बच्चों को पब्लिक स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कोटे से शिक्षा दी जा रही है। दूसरी तरफ पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं और सिखों को वादा करके भी कोई सुविधा नहीं दी गई। जहांगीरपुरी और यमुनापार में हुए दंगों में आप नेताओं और समर्थकों के हाथ को पूरी दिल्ली की जनता देख चुकी है।

बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सादगी से सरकार चलाने का वादा करके सत्ता में आए थे लेकिन आठ सालों में प्रचार पर 1969 करोड़ रुपया खर्च कर दिया है जबकि 2012-13 में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर सिर्फ 11.18 करोड़ रुपए खर्च किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फिजूलखर्ची पर एतराज जताया और सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा कि यह राशि आम आदमी पार्टी के खाते से वसूल की जाए लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार वादे तो पूरे कर ही नहीं सकी, आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। वरिष्ठ मंत्री सत्येंद्र जैन करीब छह महीने से जेल में हैं और उन्होंने मंत्रिमंडल से भी नहीं हटाया गया। ठगी के आरोप में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के आरोपों का केजरीवाल के पास कोई जवाब नहीं है। नई शराब नीति में हजारों करोड़ का घोटाला, क्लास रूम घोटाला, डीटीसी की बसें खरीदने का घोटाला, बिजली की सबसिडी में घोटाला, जल बोर्ड के बिल जमा कराने में घोटाला, सात अस्थाई अस्पतालों के निर्माण का घोटाला। आखिर कितने घोटालों को गिनाया जाए। हाल ही में आई सीएजी रिपोर्ट में भी दिल्ली सरकार पर कई तीखे सवाल उठाए गए हैं।

पूर्व महापौर मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश के अंदर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस तरह से पूरे देश के अंदर महिलाओं के लिए इज्जत घर बनाकर महिलाओं का सम्मान बढ़ाने का काम किया है, वह अपने आप में एक मिसाल है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि दिल्ली में एक ऐसी सरकार बैठी है जिसने केंद्र सरकार की इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया जिससे आज भी महिलाओं को फायदा नहीं मिल सका है। आरती मेहरा ने कहा की भाजपा इस बार पुनः निगम मे सत्ता मे आ कर केन्द्रीय योजनाओं के माध्यम से पिंक टायलेट सुविधा को शहर की अंतिम महिला को उपलब्ध करायेगी। उन्होने मुख्य मंत्री को भाजपा के द्वारा प्रस्तुत जन चार्ज शीट का जवाब देने की चुनौती।

प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि केजरीवाल सरकार के खिलाफ आज हमने जनता के इस आरोप पत्र रखा है जिसमे लगाये अधिकांश आरोपों के सबूत हमारे प्रवक्ता श्री हरीश खुराना की आर.टी.आई. से मिले हैं और इनका कोई जवाब आम आदमी पार्टी के पास नहीं है। जनता उनसे इन सवालों का जवाब चाहती है अतः मुख्य मंत्री के पास कोई जवाब है तो फिर जनता को दें।

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