- इस परियोजना से पश्चिमी जोन के स्कूलों, संस्थानों व रिहाशयी सोसाइटी को जीरो वेस्ट बनाया जायेगा
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2022: भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली नगर निगम के पश्चिमी जोन में गुरुवार को विकासपुरी के डीएवी स्कूल से एसओआरटी (सेग्रगेशन ऑफ ऑर्गेनिक वेस्ट फॉर रिसाइकिलिंग एंड ट्रीटमेंट) परियोजना की शुरूआत की। इस परियोजना के तहत पश्चिमी जोन के स्कूलों, संस्थानों व रिहाशयी सोसाइटी को जीरो वेस्ट बनाया जायेगा। यह लक्ष्य रखा गया है कि 15 अगस्त से पहले विकासपुरी की देवदूत अपार्टमेंट, गुलमोहर अपार्टमेंट, आनन्द कुँज और कांगड़ा निकेतन सोसाइटी में इस परियोजना की शुरुआत की जाए ताकि उन्हें जीरो वेस्ट बनाया जाए।
स्रोत पर ही जैविक कचरे के पृथक्करण और पर्यावरण अनुकूल एरोबिक कंपोस्टिंग-एरोबिन का उपयोग करके गीले कचरे से खाद (कम्पोस्ट) उत्पादन के लिये, इस परियोजना की शुरूआत की गयी। इस तकनीक द्वारा 40-45 के भीतर जैविक खाद को कम्पोस्ट में बदल देता है। दिल्ली की लैंडफिल साइट पर कूड़े से ऊंचे-ऊचें पहाड़ बन गये है और कई समस्याओं जैसे कि जल प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग उत्पन्न हो रही है। अगर नागरिकों व रिहायशी सोसाइटी द्वारा स्रोत पर ही अलग-अलग किया जायेगा और गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाया जाये तो लैड़फिल साइट पर कूड़े का बोझ कम होगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में काफी कमी आ सकती है।
पश्चिम ज़ोन के उपायुक्त कुमार अभिषेक ने आज औपचारिक रूप से डीएवी स्कूल, विकास पुरी में परियोजना का शुभारंभ किया। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को परियोजना में भाग लेने के लिए बधाई दी और उन्हें अपने स्कूल को जीरो वेस्ट बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि पश्चिमी जोन को जीरो वेस्ट क्षेत्र बनाने की दिशा में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के साथ कई प्रयास किये जा रहे है।
इस अवसर पर आईपीसीए के उप निदेशक डॉ राधा गोयल ने कहा कि कचरे से सर्वश्रेष्ठ बनाना, आईपीसीए का आदर्श है। इस पहल के साथ, हमने अपने प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत आंदोलन की दिशा में काम करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। प्रोजेक्ट एसओआरटी से स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट की प्रमुख परियोजना है, जिसे भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। इस परियोजना को दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में 57 से अधिक स्थानों पर सफलतापूर्वक लागू किया गया है।