- – 24 साल बाद डूटा अध्यक्ष पद पर एनडीटीएफ की ताजपोशी
– रिकॉर्ड मतों से डॉ. ए.के. भागी ने की जीत दर्ज
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षकों की समस्याओं जैसे दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेज के शिक्षकों को वेतन दिलाना, कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का नियमितीकरण उनकी प्राथमिकता है और शिक्षकों की संबंधित समस्याओं को समाधान किया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. ए. के. भागी ने शनिवार को उक्त बातें कहीं।

बता दें कि एनडीटीएफ के डॉ. ए. के.भागी ने डूटा चुनाव में वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की डॉ. आभा देव हबीब को 1382 मतों से करारी शिकस्त दी। डॉ. ए. के. भागी को रिकॉर्ड 3584 मत मिले। जबकि वामपंथी शिक्षक संगठन की उम्मीदवार आभा देव हबीब को 2202 मत ही मिले। कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठन ए ए डी के उम्मीदवार डॉ. प्रेमचंद को 832 मत प्राप्त हुए। निर्दलीय शबाना आजमी को 263 मत ही प्राप्त हुए। डॉ. ए. के. भागी की इस जीत के बाद 24 साल के बाद एक बार फिर से भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन एनडीटीएफ ने डूटा अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हुई है।
डूटा के चुनाव में अध्यक्ष पद पर नवनिर्वाचित एनडीटीएफ के डॉ. भागी ने विश्वविद्यालय शिक्षक समुदाय का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि डूटा में अध्यक्ष पद की ऐतिहासिक जीत के लिए एनडीटीएफ अत्यंत आभारी है। डूटा को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, डीयू, यूजीसी और कॉलेज प्रशासन सभी स्तर पर लड़ाई लड़नी होती है। संवाद के साथ संघर्ष का रास्ता डूटा अपनाती है। जहां भी संवाद की आवश्यकता होगी वहां संवाद किया जाएगा, जहां संघर्ष की आवश्यकता होगी, वहां संघर्ष किया जाएगा। डॉ. भागी ने बताया कि कि इस जीत ने एनडीटीएफ को एक बड़ी जिम्मेदारी दी है जिसे उनका संगठन पूरी निष्ठा और संकल्प बद्ध होकर पूरा करेगा। एनडीटीएफ का प्रयास होगा कि डीयू में वर्षों से लंबित पड़ी शिक्षकों की समस्याओं को हल करने का माध्यम डूटा बने।