– आम माफ़ी योजना आज से होगी लागू
नई दिल्ली, 14 SEPTEMBER 2022 : दिल्ली नगर निगम अनधिकृत कॉलोनियों, अनधिकृत नियमित कॉलोनियों, लाल डोरा, विस्तारित लाल डोरा, गांवों की विस्तारित आबादी और कश्मीरी प्रवासियों को आवंटित संपत्तियों के निवासियों को राहत प्रदान करने के लिए 2022-23 में एक नई माफी योजना शुरू की है। यह आम माफ़ी योजना डीएमसी अधिनियम, 1957 (संशोधित) की धारा 177 के तहत निहित प्रावधानों के अनुसार प्रारंभ की गई है। इस आम माफी योजना के अनुसार, इन कॉलोनियों में आवासीय संपत्तियों के करदाताओं को वित्तीय वर्ष 2021-22 व 2022-23 के संपत्ति कर (केवल मूल राशि) का ही भुगतान करना होगा और वर्ष 2021-22 से पहले का सभी बकाया संपत्ति कर माफ होगा। इसी तरह, इन कॉलोनियों में गैर-आवासीय संपत्तियों के संबंध में, करदाताओं को वित्तीय वर्ष 2022-23, 2021-22, 2020-21, 2019-20 के बकाया संपत्ति कर (केवल मूल राशि) का भुगतान करना होगा और 2019-20 से पहले का बकाया संपत्ति कर माफ होगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर दाता केवल दिल्ली नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.mcdonline.nic.in पर आवेदन करे। यह योजना आज गुरुवार यानी 15.09.2022 से लागू होगी।
इसके अतिरिक्त आम माफ़ी योजना की शर्तों के अनुसार उन सभी अस्वीकृत चेक (चेकों) मामलों को भी सम्मिलित करेगी जिनमें बैंक खाते और संपत्तियां संलग्न की गई हैं, जो अद्यतन संपत्ति कर के भुगतान के अधीन हैं। चेक बाउंस होने की स्थिति में, करदाता को बैंक द्वारा लगाए गए बैंक शुल्क और डाक शुल्क, यदि कोई हो, का भुगतान करना होगा। पहले से वसूल की गई राशि, भले ही वह पिछली अवधि की मूल राशि से अधिक हो, वापस नहीं की जाएगी या भविष्य की देयता के विरुद्ध समायोजित नहीं की जाएगी।
करदाता, जिसका मामला कानून की किसी भी अदालत (ओं) में मुकदमेबाजी के तहत लंबित है यानी नगर कर न्यायाधिकरण / उच्च न्यायालय / सर्वोच्च न्यायालय आदि और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्होंने 10/- रुपये के स्टाम्प पेपर पर एक हलफनामा दाखिल करना होगा। इस आशय के नोटरी पब्लिक द्वारा विधिवत प्रमाणित है कि वह इस योजना का लाभ उठाने के लिए अदालत से अपना आवेदन वापस ले लेगा। इस योजना का लाभ केवल उन सभी मुकदमेबाजी मामलों में लागू होगा जहां करदाता पूर्व निगमों द्वारा स्वीकृत एमवीसी के प्रचलित लागू कारकों के अनुसार संपत्ति कर की अद्यतन मूल राशि का भुगतान जमा करता है। यदि किसी भी समय यह पाया जाता है कि करदाता ने कर की सही राशि जमा नहीं की है या जानबूझकर तथ्यों को छुपाया है, तो यह योजना ऐसे करदाताओं पर लागू नहीं होगी। सिस्टम द्वारा चुने गए आवेदनों में से यादृच्छिक रूप से 10 प्रतिशत मामलों की जांच की जाएगी।