Tuesday, July 23, 2024
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दिव्यांग बुजुर्गों पर अत्याचार करने वाले एनजीओ पर हो सख्त कार्यवाही: राजेंद्र पाल गौतम

  • देर रात मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने किया प्राइवेट ओल्ड एज होम का निरीक्षण।
  • दिव्यांग बुजुर्गों को दयनीय स्तिथि में पाया। कार्रवाई के आदेश जारी
  • नांगलोई से सटे निहाल विहार में एनजीओ चला रहा है ओल्ड एज होम
  • दिल्ली महिला आयोग को शिकायत मिलने पर हुआ एक्शन

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम एवं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार देर रात नांगलोई से सटे निहाल विहार में चल रहे एक प्राइवेट ओल्ड एज होम का औचक निरीक्षण किया। आयोग की 181 हेल्पलाइन को शिकायत मिली थी जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि इस ओल्ड एज होम में बुजुर्ग दयनीय स्थिति में रहने को मजबूर हैं, उनका बाहर जाना प्रतिबंधित है और उन्हें समय समय पर बांधा और मारा पीटा जाता है। शिकायत मिलते ही मंत्री गौतम के साथ स्वाति मालीवाल ने ओल्ड एज होम का निरीक्षण करने का फैसला किया।

देर रात मौके पर पहुंचने पर टीम ने पाया कि एक छोटे से कमरे में 19-20 दिव्यांग बुजुर्ग रहने को मजबूर थे। कमरे में बहुत ज्यादा गंदगी और बदबू थी एवं कमरे में बस एक छोटा सा शौचालय था जो कि बहुत गंदी स्थिति में था। कोरोना के समय मे जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बेहद आवश्यक है, वहीं इस छोटे से कमरे में बिना मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि के सुविधा के बुजुर्ग रहने को मजबूर थे। साथ में ये भी देखा गया कि पुरुषों और महिलाओं के लिए रहने के लिए कोई अलग जगह का प्रबंध नहीं था। इसी छोटे कमरे में पुरूष और महिलाएं एक साथ एक बिस्तर पर रहने को मजबूरी थे।

बुजुर्गो से बात कर पता चल रहा था कि वे बहुत डरे हुए थे और कुछ भी बताने में हिचकिचा रहे थे। करीब 70 वर्षीय एक महिला ने थोड़ी हिचकिचाहट के बाद बताया कि उनका बेटा उन्हें यहां 6 महीने पहले छोड़ गया था लेकिन वो यहां नहीं रहना चाहती। यहां से जब जब वो बाहर जाने की बात कहती तो उसे बांध दिया जाता एवं मारा पीटा जाता था। जहां बाकी लोग बोलने से डर रहे थे, इन बुजुर्ग महिला ने अपनी परेशानी टीम को बताई जिसके बाद इन्हें वहां से सुरक्षित उनके बेटी के परिवार के पास कल रात ही महिला आयोग की टीम द्वारा भेजा गया।

ये देखा गया कि इन सभी बुजुर्गों में से ज्यादातर गंभीर मानसिक रोगों से भी पीड़ित थे। ओल्ड एज होम में इनके इलाज एवं मेडिकल जांच की कोई व्यवस्था नहीं थी। उस छोटे से कमरे में बहुत गर्मी थी एवं दिन में 4 घंटे बिजली बंद कर दी जाती है। बुजुर्गों को स्वयं सफाई भी करनी पड़ती थी। ओल्ड एज होम का कोई रिकॉर्ड या रजिस्टर भी नहीं था जिसमें रहने वाले बुजुर्गो की जानकारी मिल पाए। पोषण का ख्याल न रखते हुए, खाने में केवल दाल चावल दिया जाता था।

हालातों को देखते हुए मंत्री राजेंद्र गौतम ने अपने डिपार्टमेंट को कड़ी कार्यवाई के आदेश जारी करे एवं सभी बुजुर्गों को किसी अन्य सरकारी आश्रय में शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी जारी है। दिल्ली महिला आयोग ने भी इस मामले में समाज कल्याण विभाग को और पुलिस को नोटिस इशू किया है और सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि इस प्राइवट वृद्धाश्रम की स्थिति डराने वाली थी। जैसे ही मुझे इस शिकायत के बारे में पता चला तो मैं तुरंत मौके पर पहुँचा। मैंने समाज कल्याण निदेशक को आदेश दिये हैं कि सभी बुजुर्गों का सही से तुरंत पुनर्वास किया जाए। साथ ही एनजीओ संचालक के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही हो। इस प्रकार का शोषण किसी हाल में बर्दाश्त नही किया जाएगा।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह बहुत ही दुःखद है कि जो माँ बाप जीवन भर अपने बच्चों की सेवा में लगा देते हैं उनके बच्चे और परिवार वाले उन्हें बुजुर्ग अवस्था में इस प्रकार लाचार छोड़ देते हैं। इस आश्रय घर में हमें जो देखने को मिला उसे देखकर मन बहुत उदास हुआ। मंत्री गौतम ने तुरंत समाज एवं कल्याण विभाग को कार्यवाही के सख्त निर्देश दिए हैं। हमने भी समाज कल्याण विभाग निदेशक एवं दिल्ली पुलिस को मामले में नोटिस जारी किया है। बुजुर्गों का पुनर्वास एवं सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

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