Tuesday, April 16, 2024
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फिर बनी दिल्ली प्रदूषण में नम्बर वन राजधानी- केजरीवाल प्रदूषण रोकथाम में पूरी तरह विफल : कांग्रेस

एंटी-डस्ट, वाहनों के प्रदूषण, वेस्ट बर्निंग बेन, इंडस्ट्री, जैसे प्रदूषण के मुख्य कारकों की रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकारी मशीनरी का प्रयोग सकारात्मक तरीके से करने में पूरी तरह विफल साबित हुए है- डी-कंपोजर घोल के इस्तेमाल से पहले ही दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाई जा रही है : चौ0 अनिल कुमार

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर, 2022 : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि राजधानी दिल्ली में खतरनाक बन रहे वायु प्रदूषण को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली वालों के सहारे कम करने चाहते है, जबकि सरकार की ओर से बयानबाजी के अलावा प्रदूषण रोकथाम के लिए कोई सकारात्मक और ठोस कार्यवाहक कोशिश नही हो रही है, जिसका नतीजा दिल्ली विश्व में प्रदूषण की अंकतालिका में प्रथम अंक पर है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के अनुसार दिवाली के नजदीक पटाखों से प्रदूषण अधिक होता है परंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्लीवासियों ने राजधानी में पटाखे न चलाने के बावजूद भी दिल्ली प्रदूषण में अव्वल  होना प्रदूषण रोकथाम में दिल्ली सरकार की विफलताओं को उजागर करता है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अन्य कारकों के अलावा पराली को प्रदूषण का मुख्य कारण बताने वाले अरविन्द केजरीवाल आखिर पंजाब में पराली जलाने पर नियंत्रण क्यों लगा रहे है, क्यों वहां पराली गलाने की बजाय जलाई जा रही है? उन्होंने कहा कि डी-कंपोजर घोल के इस्तेमाल से पहले ही दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी में पटाखों के इस्तेमाल की रोकथाम के बावजूद वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक बनी हुई है जिससे बुजुर्गो, बच्चों और खांसी-दमें के लोगों को सांस लेने में दिक्कत सहित काफी कठिनाईयां झेलनी पड़ रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली की जनता से सहयोग की बयानबाजी तो करते है परंतु सरकारी मशीनरी का प्रयोग सकारात्मक उपयोग के नही करते। क्या एंटी-डस्ट, वाहनों के प्रदूषण, वेस्ट बर्निंग बेन, इंडस्ट्री, जैसे प्रदूषण के मुख्य कारकों पर रोकथाम के नाम पर सिर्फ घोषणा और बयान देते है, वास्तविकता में सरकारी विभाग मौन बैठे है। इतना ही नही, कनॉट प्लेस और आनन्द विहार में करोड़ों रुपये की लागत से लगाए स्मॉग टावर निष्क्रिय साबित हो रहे है। केजरीवाल सरकार प्रदूषण कारक के आंतरिक कारणों पर रोकथाम की कार्यवाही करने में पूरी तरह विफल रही है, जबकि केजरीवाल बारिश के तुरंत बाद बड़े-बड़े बयान देते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित है, क्योंकि 5-11 अक्टूबर के बीच बारिश से दिल्ली में प्रदूषण से कुछ राहत मिली थी।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि व्यस्त दिल्ली में प्रदूषण रोकथाम के लिए केजरीवाल का बयान कि एक बार फिर ऑड-ईवन, रेड ऑन-गाड़ी ऑड जैसी फ्लॉप योजनाओं को लागू करके केवल गुमराह करने की कार्यवाही होगी। दिल्ली सरकार को प्रदूषण रोकथाम के लिए ग्रीन कवर, पर्यावरण मित्र, ई-वेस्ट पार्क, ग्रीन वार रुम, ग्रेप आदि योजनाओं को युद्ध स्तर पर वास्तविक रुप से चलाना होगा न कि बयानों और कागजी कार्यवाही में। उन्होंने कहा कि  उर्जा एवं स्वच्छ हवा अनुसंधान केन्द्र ;ब्त्म्।द्ध की शोध रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में उर्त्सजन नियंत्रण प्रौद्योगिकियों की कमी, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और पराली जलाने जैसे मुख्य कारक है।

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