Wednesday, April 17, 2024
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तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा : केजरीवाल

  • तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा, इसे लागू होने से किसानी चंद पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी
  • केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को तुरंत वापस ले, स्वामीनाथन आयोग के अनुसार सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी जाए
  • केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए, अगर हमारे देश के किसानों की कोई सरकार नहीं सुनेगी, तो फिर किसकी सुनेगी?
  • अरविंद केजरीवाल ने जाति-धर्म और सप्रदाय की सभी दीवारें तोड़ कर पश्चिमी यूपी की पूरी चौधराहट को विधानसभा में बुला कर आतिथ्य दिया है, यह वैसा ही है, जैसा सुदामा को श्रीकृष्ण ने दिया था – चौधरी रोहित जाखड़
  • अरविंद केजरीवाल के बारे में जैसा सुना था, वैसा ही उनमें पाया, हम उनके साथ हैं, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, हम वापस घर नहीं जाएंगे- चौधरी श्याम सिंह
  • अरविंद केजरीवाल ने हमें हमेशा सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया है, मांगें पूरी होने तक हमारा धरना जारी रहेगा- चौधरी यशपाल सिंह
  • सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों के संबंध में दिल्ली विधानसभा परिसर में पश्चिमी यूपी के किसान नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा की

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों के संबंध में आज दिल्ली विधानसभा परिसर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा है। इसे लागू होने के बाद किसानों की किसानी चंद पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को तुरंत वापस ले और स्वामीनाथन आयोग के अनुसार सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीद करने की गारंटी दी जाए। सीएम ने कहा, केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए। अगर हमारे देश के किसानों की कोई सरकार नहीं सुनेगी, तो फिर किसकी सुनेगी? बैठक में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम के साथ राज्यसभा सांसद संजय सिंह व विधायक दिलीप पांडे मौजूद रहे। इसके अलावा, किसान नेता चौधरी रोहित जाखड़, चौधरी यशपाल सिंह, विरेंद्र गुज्जर, चौधरी उधम सिंह, राहुल बेदी, कुलदीप त्यागी, चौधरी बाबा श्याम सिंह, चौधरी संजय, चौधरी शोखेंद्र, ठाकुर पुरन सिंह, सिराजुद्दीन चौहान और चौधरी दलबीर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

वहीं, बैठक में मौजूद किसान नेता चौधरी रोहित जाखड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जाति-धर्म और संप्रदाय की सभी दीवारें तोड़ कर पश्चिमी यूपी की पूरी चौधराहट को विधानसभा में बुला कर आतिथ्य दिया है। यह वैसा ही है, जैसा सुदामा को श्रीकृष्ण ने दिया था। चौधरी श्याम सिंह ने कहा कि हमने सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में जैसा सुना था, वैसा ही उनमें पाया। हम उनके साथ हैं, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, हम वापस घर नहीं जाएंगे। वहीं, चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने हमें हमेशा सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया है। मांगें पूरी होने तक हमारा धरना जारी रहेगा।

दिल्ली विधानसभा में किसानों के साथ बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई किसान नेता दिल्ली विधानसभा के प्रांगण में तीनों काले कानूनों के ऊपर चर्चा करने के लिए आए थे। तीनों कानूनों के बारे में काफी विस्तार से चर्चा हुई। भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय सरकार बार-बार यह कह रही है कि इन कानूनों से किसानों को फायदा है, लेकिन अभी तक वो एक भी फायदा जनता को बताने में नाकाम रहे है। उल्टे, ये तीनों कानून एक तरह से किसानों के लिए डेथ वारंट हैं। अगर यह तीनों कानून पास हो जाते हैं, तो देश के किसानों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत पैदा हो जाएगी। किसानों की जो किसानी है, वह कुछ चंद पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी और हमारे देश का किसान अपने ही खेत में मजदूर बनने के लिए वेवश हो जाएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बैठक में सब लोगों ने एक बार फिर केंद्र सरकार से मांग की है कि इन तीनों कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए और सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी जाए। एमएसपी को स्वामीनाथन आयोग के अनुसार लागू की जाए, यही सभी लोगों की मांग है। उन्होंने कहा कि 28 तारीख को मेरठ में बहुत बड़ी किसान महापंचायत है और उसमें भारी संख्या में किसान मौजूद होंगे। उस किसान महापंचायत के अंदर भी इन तीनों कानूनों के ऊपर चर्चा की जाएगी और इनको वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से अपील की जाएगी। सीएम ने कहा कि यह दुखदाई है कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बैठकें करनी बंद कर दी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा। केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और केंद्र सरकार को अड़ना नहीं चाहिए कि हम कानून वापस नहीं लेंगे। किसानों की कानून वापस लेने की मांग है। अगर हमारे देश के किसानों की कोई सरकार नहीं सुनेगी, तो फिर किसकी सुनेगी।

राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रोहित जाखड़ ने कहा कि आज जहां केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कीलें ठुकवा दी, बैरिकेट्ड लगवा दिए। वहीं, आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जाति-धर्म और संप्रदाय की सभी दीवारें तोड़कर, एक किसान बन कर पश्चिम उत्तर प्रदेश की पूरी चौधराहट को विधानसभा के अंदर बुलाने का काम किया। विधानसभा में बुलाकर उन्होंने वह आतिथ्य दिया है, जो सुदामा को श्रीकृष्ण ने दिया था। हमारी एक ही मांग है कि एमएसपी पर विधिक कानून बने, स्वामीनाथन रिपोर्ट पूर्ण लागू हो और कृषि कानून वापस हो। यह कानून जब तक वापस नहीं होंगे, तब तक जो किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए हैं, वे ज्यों के त्यों अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। हम पंचायतों कर और गांव-गांव जाकर अपनी आवाज को बुलंद करने का काम करेंगे। हमें पूरा यकीन है कि निश्चित ही जीत किसानों की होगी है। किसानों की अपनी फसल उचित दाम पर बेचने की लड़ाई है, लेकिन अब पूरे देश के खाने की लड़ाई होगी। इस रोटी को तिजोरी का हिस्सा नहीं बनने देंगे। किसानों की लड़ाई में अरविंद केजरीवाल ने पूरी तरह समर्थन दिया है। हम इनके कृतज्ञ हैं।

किसान नेता चौधरी श्याम सिंह कहा कि आज हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास आए थे। मुख्यमंत्री ने हमें बहुत सम्मान दिया। हमने जो सुना था, आज हमने वह सब उनमें पाया। हम अरविंद केजरीवाल के साथ हैं और साथ रहेंगे। जिन मांगों को लेकर हमारा किसान 90 दिन से बॉर्डर पर बैठा है, उसे हम जारी रखेंगे। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, हम वापस घर नहीं जाएंगे। किसान नेता चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि आज हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मिले। उन्होंने हमें पहले भी जो सहयोग किया था, उसका हमने धन्यवाद किया और आगे की रणनीति बनाई। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक हमारा धरना चलता रहेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि वे हमारा सहयोग देते रहेंगे और हम भी यहां से हटकर नहीं जाएंगे।

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