- कांग्रेस के साथ किया जा रहा है भेदभाव
- प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जय किशन ने लिखा उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त को पत्र
- पत्र के माध्यम से सिविल लाईन्स पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ. पर भेदभाव का आरोप
- शांतिपूर्ण तरीके से राजस्थान सरकार के साथ भाजपा द्वारा संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का किया उल्लघंन
- चै0 अनिल कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
- कांग्रेस ने उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त से अपील की कि एस.एच.ओ. द्वारा कांग्रेस नेताओे के साथ भेदभाव करने के खिलाफ उचित कार्रवाही की जाए
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जय किशन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त एस. एन श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सिविल लाईन्स पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ. द्वारा प्रदेश अध्यक्ष चै0 अनिल कुमार सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष चै0 अनिल कुमार के नेतृत्व में 27 जुलाई, 2020 को राज निवास के बाहर राजस्थान सरकार के साथ भाजपा द्वारा संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लघंन करने के खिलाफ प्रदर्शन करना चाह रहे थे।
उपाध्यक्ष जय किशन ने उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त को यह भी अवगत कराया कि दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भी उसी दिन सिविल लाईन्स थाने के अन्तर्गत सोमवार, 27 जुलाई को बिजली बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया गया, उन्हें बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर लगाने की अनुमति दी गई और प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस भी संरक्षक के रुप में चल रही थी, जो लोकतंत्र में बहुत ही अनुचित है। भाजपा प्रदर्शन की तस्वीरें उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त दोनो को भेजी गई। उन्होंने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक और अनुचित है कि जहां भाजपा नेताओं को बिना किसी कार्रवाही का सामना करते हुए विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति है, वहीं केन्द्र की भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण फैसलों का विरोध करने पर पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दोहरी रणनीति अपनाती है।
जय किशन ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया कि प्रदर्शन शुरु होने से पहले ही सिविल लाईन्स एस.एच.ओ. ने प्रदेश अध्यक्ष चै0 अनिल सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पूर्व मंत्री और मुझे भी उन्होंने खींच कर वैन में जोरदार तरीके से उन्हें सिविल लाईन्स पुलिस स्टेशन ले गए जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इसी तरह एस.एच.ओ. ने 29 जून, 2020 को उपराज्यपाल के आवास के बाहर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया। जहां वे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को थाने ले गए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी की, इतना ही बल्कि जो लोग कांग्रेस नेताओं से थाने में मिलने गए उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई।
जय किशन ने याद दिलाया कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण बिना नुकसान पहुँचाया अपना विरोध जताने की इजाजत थी, लेकिन सिविल लाईन्स पुलिस स्टेशन एसएचओ ने शालीनता और लोकतांत्रिक मानदंडों की सभी सीमाओं को पार करते हुए खासकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता राजस्थान में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा की नापाक योजनाओं को उजागर करने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे। जय किशन ने कहा कि कांग्रेस के प्रदर्शन हमेशा शांतिपूर्ण होते हैं और कांग्रेस कार्यकर्ता शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के निर्देशों का पालन करते हैं। उन्होंने उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त से अपील की कि वे एस.एच.ओ. सिविल लाईन्स के खिलाफ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति असभ्य और अशिष्ट व्यवहार के लिए उचित कार्रवाई करें।