Sunday, December 1, 2024
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फंड को रोके जाने के विरोध में दिल्ली सरकार के खिलाफ भाजपा ने किया धरना-प्रदर्शन

  • दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम के फंड को रोके जाने के विरोध में आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में तीनों निगमों के भाजपा पार्षदों ने सिविक सेंटर से दिल्ली सचिवालय तक पदयात्रा कर विरोध प्रदर्शन किया
  • यह बहुत ही दुखद है कि कोरोना संकट में निगम के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया और फिर उन्हें वेतन के लिए भी आंदोलन करना पड़ रहा है
  • निगमों के स्वास्थ कर्मी हों या शिक्षक सभी ने मार्च से अब तक कोरोना काल में रात दिन काम कर करोड़ों लोगों तक भोजन एवं दवाऐं आदि पहुंचाने का काम किया है, पर आज वह धरना आंदोलन करने को मजबूर हैं
  • पूर्वी दिल्ली निगम को 1677 करोड़ में से 157 करोड़, दक्षिण दिल्ली नगर निगम को 893 करोड़ में से 232 करोड़ और उत्तरी निगम को 1568 करोड़ में से 612 करोड़ रूपये ही मिला है
  • आंकड़े साफ बता रहे हैं कि दिल्ली सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते नगर निगमों को पूरी तरह पंगु करने में लगी है

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम के फंड को रोके जाने के विरोध में आज सोमवार को दिल्ली के तीनों निगमों के नेताओं एवं भाजपा पार्षदों ने निगमों का फंड रिलीज न करने को लेकर सिविक सेंटर से दिल्ली सचिवालय तक पदयात्रा कर विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन बीच में उनको रोक लिया गया और राजेन्द्र नगर थाने ले जाने के उपरान्त छोड़ दिया गया। इसका नेतृत्व दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने किया। इस पदयात्रा में दक्षिणी नगर निगम महापौर श्रीमती अनामिका मिथलेश, उप महापौर श्री सुभाष भड़ाना, स्थाई समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोत, उपाध्यक्ष तुलसी जोशी, नेता सदन नरेंद्र चावला, नेता सदन प्रवेश शर्मा, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन, उप महापौर हरि प्रकाश बहादुर, स्थाई समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह, उपाध्यक्ष दीपक मल्होत्रा, उत्तरी दिल्ली नगर निगम उप महापौर रितु गोयल, स्थाई समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, उपाध्यक्ष विजेंद्र यादव, नेता सदन योगेश वर्मा, पूर्व नेता सदन जयेंद्र डबास,सहित तीनों निगमों के पार्षदों ने हिस्सा लिया।

अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि कोरोना संकट में निगम के सफाई कर्मी एवं अन्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर, कंटेनमेंट जोन तक में जाकर काम कर रहें हैं और फिर उन्हें वेतन के लिए भी आंदोलन करना पड़ रहा है। दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली को गंदा शहर बता कर सफाई कर्मियों की मेहनत का भी अपमान कर रहे है। निगमों के स्वास्थ कर्मी हांे या शिक्षक सभी ने मार्च से अब तक कोरोना काल में रात दिन काम कर लाखों नहीं करोड़ों लोगों तक भोजन एवं दवाऐं आदि पहुंचाने का काम किया है, पर आज वह धरना और आंदोलन करने को बेबस हैं। उन्होंने कहा का कोरोना काल में निगमों के अपने श्रोतों से राजस्व बिलकुल नहीं आ रहा है क्योंकि लोग सम्पत्ति कर, कनवरजन चार्ज एवं विभिन्न अन्य निगम कर जमा कराने की स्थिति में नहीं हैं। तब निगमों की आर्थिक स्थिति सम्भालने में सहयोग देने की जगह दिल्ली सरकार के मंत्री एवं आम आदमी पार्टी नेता दिल्ली नगर निगमों के प्रशासक दल भाजपा एवं निगम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर भ्रम की स्थिति बनाने की ओछी राजनीति कर रहे हैं।

गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट अनुसार इस वर्ष 2020-21 में पूर्वी दिल्ली निगम को फंड़ 1677 करोड़ रुपए है, पर आज 7 सितम्बर तक उसमें से केवल 157 करोड़ रुपए मिले हैं। लगभग आधा वर्ष बीतने के बाद भी दिल्ली सरकार ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 10 प्रतिशत से भी कम फंड दिया है जबकि नियम अनुसार गत जून 2020 तक पूरा वार्षिक फंड जारी हो जाना चाहिए। इस वित्त वर्ष 2020-21 में दक्षिण दिल्ली नगर निगम को दिल्ली सरकार से 893 करोड़ रूपये फंड मिलना है, पर वर्ष के 6 माह पूरा होने को हैं पर आज तक केवल 232 करोड़ रूपये मिला है जो केवल लगभग 26 प्रतिशत है। वहीं उत्तरी निगम को रुपये 1568 करोड़ का फंड मिलना था पर आज तक मिला है केवल 612 करोड जो की देय फंड का 40 प्रतिशत भी नहीं है। आंकड़े साफ बता रहे हैं कि दिल्ली सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते नगर निगमों को पूरी तरह पंगु करने में लगी है।

गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगम के साथ भेदभाव कर रही है। पूर्व में नगर निगम कर्मचारियों ने कोरोना काल में अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर दिल्ली को साफ रखने का काम किया और अब डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों से दिल्ली के लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रहे हैं क्योंकि दिल्ली सरकार नगर निगम को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि नगर निगमों के पास चालू वित्त वर्ष के फंड़ की रिलीज की प्रार्थना के साथ ही तीसरे एवं चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों अनुसार बकाया हजारों करोड़ रुपये के तुरंत भुगतान की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष जाने के आलावा कोई चारा नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि 6 वर्षों से दिल्ली नगर निगम का फंड रोककर दिल्ली सरकार एक काम नहीं करने दे रही है, लेकिन विज्ञापनों में करोड़ों खर्च कर रही है। नगर निगम कर्मचारियों के प्रति केजरीवाल सरकार को अपने अमानवीय व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए। यदि केजरीवाल सरकार ने नगर निगम के फंड को आगामी कुछ दिनों में जारी नहीं किया तो ये आंदोलन और बड़ा होगा। नगर निगम के कर्मचारियों के हित में और प्रदेश की जनता को न्याय दिलाने के लिए हम सड़क पर उतरेंगे।

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