Saturday, July 27, 2024
  • स्वदेशी जागरण मंच एवं संस्कृत स्तोत्र प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजित
  • मेले में पुलिस के साथ 50 से अधिक वालिंटर्स अंदर बाहर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे थे
  • विभिन्न प्रांतों के 25 से अधिक स्टॉल लगी, बाकी स्टॉल दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र की थी
  • कलाकारों के ग्रुपों ने अपने-अपने प्रतिभाशाली हुनर का प्रदर्शन कर लोगों का मनोरंजन किया

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर 2023 : द्वारका क्षेत्र में स्वदेशी जागरण मंच एवं संस्कृत स्तोत्र प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित स्वदेशी मेले का मंगलवार को विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ और इस मेले में ग्रामीण अंचल की झलक दिखी। स्वदेशी मेले के मीडिया प्रभारी नीलेन्द्र पाठक, संयोजक रविंद्र सोलंकी ने बताया कि इस वर्ष 26 से 31 अक्टूबर तक लगने वाले मेले में विभिन्न प्रांतों के 25 से अधिक स्टॉल लगी हुई थी, बाकी सभी स्टॉल दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र की थी, इन स्टॉल पर स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री लगी हुई थी। इस मेले का उद्देश्य लघु उद्योग को बढ़ावा देना रहा और मेले का समापन एक अच्छे प्रयास के साथ हुआ।  

मीडिया प्रभारी नीलेन्द्र पाठक ने बताया कि इन उत्पादों की सबसे बड़ी खासियत इनका शुद्ध तकनीकी रूप से तैयार किया गया सामान रहा जिसमें गोमूत्र गोबर से बने तरह-तरह के उत्पाद हथकरधा से बनी साड़ियां नागालैंड, बंगाल के हाथ से बने कपड़े एवं अन्य स्थानों पर पापड़, अचार, हाथ की बनाई गई पेंटिंग, कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के बर्तन, शुद्ध भोजन, ग्रामीण परिवेश के साथ जमीन पर बैठकर मक्के व बाजरा की रोटी व सरसों का साग, कच्ची हल्दी की सब्जी के साथ गाय के दूध से, दही से छाछ, लस्सी परोसी जा रही थी।

मीडिया प्रमुख नीलेन्द्र पाठक ने बताया कि इस मेले में सांस्कृतिक मंच से कई प्रदेशों से आए दो दर्जन से अधिक कलाकारों के ग्रुपों ने अपने-अपने प्रतिभाशाली हुनर का प्रदर्शन कर लोगों का मनोरंजन किया। तीन दर्जन से अधिक स्कूलों के बच्चों ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं में भाग लिया, जिसमें चित्रकला, रंगोली, मेहंदी, रूप सजा, पोस्टर, नींबू दौड़, दंड प्रदर्शन, रस्सा कशी, खो-खो,कबड्डी आदि प्रतियोगिताएं प्रमुख रूप से आयोजित की गई।

इन प्रतियोगिताओं का देख रेख बृजभूषण आर्य, संजय कुमार, स्नेह वशिष्ठ, संतोषी नौटियाल, सुधा झा, सुनीता यादव, पूनम चौधरी के सहयोग से संपन्न हुई। मेले की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए कैप्टन प्रमोद सिंह, किशन सिंह, राहुल भारत के निर्देशन में सहयोग देकर चाक – चौबंद सुरक्षा रखी। स्वदेशी के स्लोगन व उद्देश्य की प्रदर्शनी मनोज चौधरी, रतन सिंह बिष्ट, गिरीश उपाध्याय, बृजेश नौटियाल के संयोजन से लगाई गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन योगेश कुमार सैनी व सनी सौरभ ने सफल तरीके से किया। अतिथि गृह की व्यवस्था को रामनिवास दहिया, जितेंद्र कुमार, सोनू रविंद्र अग्रवाल और नागेंद्र सिंह ने की। मेले में पुलिस के साथ 50 से अधिक वालिंटर्स अंदर बाहर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे थे, मेले में फायर ब्रिगेड की गाड़ी व एक एंबुलेंस भी तैनात की गई थी।

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